दंतेवाड़ा के सूरनार गांव में नक्सलियों ने शुक्रवार को सरेंडर किया, इनमें 4 महिलाएं भी
पहली बार सूरनार पहुंचे थे डीएम-एसपी, सरेंडर करने वाले नक्सलियों को 10-10 हजार की मदद की
दंतेवाड़ा. छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के दौरान शुक्रवार को दंतेवाड़ा में 12 नक्सलियों ने सरेंडर किया। सरेंडर करने वाले इन नक्सलियाें में चार महिलाएं भी शामिल हैं। खास बात यह रही कि सरेंडर करने से पहले यह नक्सली सूरनार गांव में बनाए गए मतदान केंद्र पर पहुंचे। वहां पर वोट डाला। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में एक लाख का इनामी नक्सली भी है। शासन की ओर से सरेंडर करने वाले सभी नक्सलियों को 10-10 हजार रुपए की सहायता राशि दी है।
डीआरजी जवान सहयोग से नक्सलियों ने किया सरेंडर
दंतेवाड़ा के कटेकल्याण में सक्रिय नक्सली मिड़कोम उर्फ हड़मा मंडावी ने चार माह पहले सरेंडर किया था। इसके बाद उसकी तैनाती चिकपाल कैंप में छत्तीसगढ़ सुरक्षा बल के डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व ग्रुप) में की गई थी। सरेंडर के बाद रोजाना गांव वालों से उसकी मुलाकात कराई जाती थी। इस दौरान उसे सरकार की पुनर्वास नीति और अन्य योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। इसके बाद मिड़कोम ने अपने अन्य नक्सली साथियों को भी सरेंडर करने के लिए तैयार किया।
सूरनार में बने पोलिंग बूथ पर मतदान के बाद वहीं नक्सलियों ने कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा, एसपी डॉ अभिषेक पल्लव के सामने सरेंडर किया। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में भीमे कवासी, हिड़मा मंडावी, कोसा मंडावी, मासा मंडावी, बामन मंडावी, लिंगा मंडावी, बुदु सोढ़ी, सुखराम मंडावी, जोगी सोढ़ी, बुदरी मंडावी, पायके मंडावी और कोसी मंडावी शामिल है।
पहली बार एसपी और कलेक्टर पहुंचे थे सूरनार
सूरनार गांव में पहली बार कलेक्टर और एसपी पहुंचे थे। नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण यहां अधिकारी व कर्मचारी जाने से बचते रहे हैं। इसके चलते इस पूरे इलाके में नक्सलियाें का वर्चस्व रहा है। पहली बार ऐसा हुआ कि सूरनार में बनाए गए मतदान बूथ पर बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे। वहीं ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को लेकर एक ज्ञापन भी कलेक्टर को सौंपा।