रायगढ़, 28 मार्च। कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रदेश की जेलों में बंद छत्तीसगढ़ राज्य के निवासी ऐसे कैदी जिनको किसी मामले में अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है या दी गई है उन्हें कुछ शर्तों के साथ जेलों से रिहा करने का निर्णय लिया गया। ऐसे बंदी जिनके मामले की सुनवाई चल रही हो उन्हें 30 अप्रैल तक की निजी मुचलके पर अंतरिम जमानत दे दी जायेगी। ऐसे बंदी जिन्हें सात साल तक की सजा सुनाई जा चुकी है और जेल में तीन माह या उससे अधिक की अवधि व्यतीत कर चुके हों उन्हें 30 अप्रैल तक पैरोल पर छोड़ दिए जाने का निर्णय लिया गया है। इसी निर्णय के तहत रायगढ़ जिला जेल से भी जिला विधिक सेवा प्रधिकरण के निर्देश पर लगभग 17 कैदी आज रिहा किए गए। इसमे कुछ बन्दी रायगढ़ शहर के थे तो कुछ दूरदराज ग्रामीण इलाकों के।
दूरदराज ग्रामीण इलाकों के कैदियों के सही सलामत घर पहुंचने की व्यवस्था भी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किया गया था इनके लिए विशेष वाहन की व्यवस्था कर इनको अपने घर तक छोड़ा गया और साथ ही सभी कैदियों को प्रमाण पत्र भी वितरण किया गया।
जैसे ही आज 17 कैदी रिहा हुए जेल से सभी के चेहरे खिल उठे। रिहा हुए बंदियों ने कोरोनावायरस के मद्देनजर मास्क ओर सोशल डिस्टेंसिंग ओर लॉक डाउन का पालन करने का भी भरोसा जेलर को दिया, वही आसपास के कैदियों को लेने के लिए उनके परिवारजन भी पहुँचे थे।