गौरतलब है कि ईवाई की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कंपनियों ने इस साल के पहले नौ महीनों में 72 आईपीओ के जरिए 9.7 अरब डॉलर की राशि जुटायी है। यह राशि दो दशकों में नौ महीने की अवधि में जुटायी गयी सबसे अधिक राशि है।
उधर, कोल इंडिया लिमिटेड का बोर्ड अपनी सहायक कंपनी केंद्रीय खनन योजना एवं डिजाइन संस्थान लिमिटेड (सीएमपीडीआईएल) में 10 प्रतिशत विनिवेश के केंद्र के प्रस्ताव को मंजूरी दे सकता है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि इस सलाहकार फर्म को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अगर महारत्न कंपनी के निर्गम को मंजूरी मिल जाती है, तो यह कोल इंडिया द्वारा कोयला उत्पादक सहायक कंपनियों को बेचने और सूचीबद्ध करने के लिए एक मिसाल कायम करेगा।
कोयला मंत्रालय ने 23 सितंबर को लिखे एक पत्र में कोल इंडिया को सीएमपीडीआईएल की चुकता पूंजी के 10 प्रतिशत हिस्से का विनिवेश करने और उसे शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने के लिए बोर्ड की मंजूरी लेने को कहा था। कोल इंडिया लिमिटेड की अगली बोर्ड बैठक इसी महीने होने की संभावना है, लेकिन तारीख अभी तय नहीं हुई है।
नई दिल्ली। 3 और कंपनियों अपना IPO लेकर आने वाली हैं। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एसजेएस एंटरप्राइजेज और वन मोबिक्विक सिस्टम्स लिमिटेड समेत तीन कंपनियों को आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की मंजूरी दे दी है। चिकित्सा उपकरण बनाने वाली कंपनी स्कैनरे टेक्नोलॉजीज लिमिटेड को भी आईपीओ के लिए नियामक से मंजूरी मिली है। सेबी के पास उपलब्ध सूचना के अनुसार, तीनों कंपनियों के आईपीओ को लेकर बाजार नियामक ने अपनी टिप्पणियां जारी की हैं। इसका मतलब है कि तीनों को आईपीओ लाने की अनुमति मिल गयी है।