रायपुर 27 जनवरी 2020। 41 नक्सलियों को अब तक ढेर कर चुके इनकाउंटर स्पेशलिस्ट लक्ष्मण को पुलिस मेडल फॉर गैलेंट्री अवार्ड से सम्मानित किया गया है। नक्सल बीहड़ों में लाल आतंक लक्ष्मण के नाम से कांपते हैं। अब तक 100 से ज्यादा इनकाउंटर कर चुके इस जांबाज पुलिस अफसर को उनके अदम्य साहस के लिए वीरता पुलिस पदक से सम्मानित किया गया।
2014 से 2019 के बीच 100 से ज्यादा नक्सली आपरेशन की अगुवाई कर चुके लक्ष्मण केवट अभी राजनांदगांव के गातापार थाना प्रभारी हैं। महज 34 साल की उम्र लक्ष्मण के नाम से बस्तर से लेकर राजनांदगांव तक के माओवादी कांपते हैं। राजनांदगांव में महज छह मुठभेड़ में उन्होंने 13 नक्सलियों को ढेर कर दिया है। लक्ष्मण ने इनकाउँटर के बूते ना सिर्फ प्रमोशन हासिल की, बल्कि उनकी टीम ने अब तक डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा का इनाम भी जीता है।
चौथी बार उन्हें राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जा रहा है। 2007 में कांस्टेबल पद से अपने करियर की शुरुआत करने वाले लक्ष्मण केवट को उनके साहस और पराक्रम की वजह से पूरा प्रदेश ही नहीं देश भी जानता है। बीजापुर में वन टाइम प्रमोशन स्कीम के तहत इंस्पेक्टर बनकर पहुंचे इस जांबाज अफसर ने 19 मुठभेड़ में 28 माओवादियों को मार गिराया था। तभी से इनके नाम की चर्चा पूरे प्रदेश ही नहीं देश में हो रही है।
चौथी बार राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार के लिए चुना गया है। वे छत्तीसगढ़ के पहले ऐसे पुलिस अधिकारी बन गए हैं, जिन्हें चार बार राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार मिल रहा है। इसके पहले 2016, 2017, 2018 में उन्हें यह सम्मान मिल चुका है। भारत सरकार के सीनियर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के विजय कुमार पिछले दिनों नक्सल विरोध कार्यशाला के समापन में राजनांदगांव पहुंचे थे। जब उन्हें लक्ष्मण के विषय में पता लगा तो उन्होंने भी लक्ष्मण को शाबाशी दी।