- तस्करों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, कोमाखान थाना और डीएसपी तिलेश्वर यादव की टीम ने की कार्रवाई
- महासमुंद जिले में अक्सर पकड़े जाते हैं गांजा तस्कर, ओड़िशा से छत्तीसगढ़ होते हुए देश में होती है सप्लाई
महासमुंद. जिले की पुलिस ने लगातार दो दिन में अब तक की सबसे बड़ी गांजे की खेप का पकड़ा है। रविवार को 5 क्विंटल गांजा ले जा रहे ट्रक ड्राइवर और इसके साथियों को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले शनिवार को भी टीम ने 4 क्विंटल गांजा बरामद किया था। रविवार को मिले गांजे की कीमत करीब 26 लाख रुपए है। पुलिस खुद इस बात का दावा कर रही है कि अब तक जिले में मिले तस्करी के गांजे में यह मात्रा बेहद ज्यादा है। कोमाखान थाने की टीम ने डीएसपी तिलेश्वर यादव के साथ मिलकर इन तस्करों को पकड़ा । यह गांजा मुंबई ले जाया जा रहा था।
ट्रक, मोबाइल सब जब्त, अब होगी जांच
महासमुंद के एसपी प्रफुल्ल कुमार ठाकुर ने तस्करी के खिलाफ अभियान चला रखा है। कोमाखान थाने की टीम को इनपुट मिला कि एक आयशर ट्रक में गांजा ले जाया जा रहा है। पुलिस ने टेमरी इलाके में नाकाबंदी की। खरियार रोड ओडिशा से आ रहे ट्रक को रोका गया। इसमें मुंबई का रहने वाला अब्दुल रशीद अली, शोएब अहमद मलिक और सुलताना माजिद शेख नाम की महिला सवार थी। पुलिस को देख तीनों घबरा गए और ट्रक में गांजा रखा होने की बात बता दी। पुलिस को ट्रक में रखे सब्जी के कैरेट में 104 पैकेट में 5 क्विंटल 20 किलो गांजा मिला। आरोपियों का ट्रक मोबाइल सब कुछ जब्त कर अब पुलिस मामले की जांच कर रही है।
बड़ी मछलियों तक नहीं पहुंचती खाकी
जानकारों के मुताबिक इस तरह की तस्करी के मामले में अक्सर पुलिस के हाथ उन तक नहीं पहुंचती जो गांजा उगाते हैं। इसे देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजते हैं। महासमुंद में अक्सर वो लोग गिरफ्तार होते हैं, जो गांजा लेकर जा रहे होते हैं। मुख्य तस्कर के लोग नकली नाम और फोन नंबर से ड्राइवर वगैरह से बात करते हैं। बोरियों में गांजा रखकर रुपए दे देते हैं। पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद इस तरह के ड्राइवर ये भी नहीं बता पाते कि असल में किसने उन्हें गांजा दिया। कई बार तो अनाज बताकर तस्कर के लोग बाेरियां मालवाहक में रखा देते हैं और रुपयों के लालच में ड्राइवर इन्हें लेकर चल पड़ते हैं। यह बात तय है कि ओडिशा के एक बड़े हिस्से में गांजे के अवैध कारोबार का अड्डा है मगर वो लोग और इलाका पुलिस के लिए अबूझ पहेली की तरह है।