रायपुर. छत्तीसगढ़ में कोराेना संक्रमित 6 और मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो गए हैं। एम्स से रविवार को उन्हें छुट्टी दे दी गई। यह सभी ठीक हुए पुरूष दुर्ग से आए थे। इससे पहले भी पांच और मरीज शनिवार को डिस्चार्ज हुए थे। प्रदेश में अब 10 एक्टिव केस हैं। अब तक कुल 59 संक्रमित पाए गए। अभी तक 49 लोग स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं।
- छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के अब तक 59 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें क्वारैंटाइन सेंटर से भागे झारखंड के पॉजिटिव दो मजदूरों को जाेड़ दें तो यह संख्या 61 होती है।
- संक्रमितों में अब तक सबसे ज्यादा कोरबा जिले से 28, सूरजपुर 6, रायपुर 7, दुर्ग 9, कवर्धा 6, राजनांदगांव और बिलासपुर से एक-एक पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं।
- प्रदेश में अब एक्टिव केस की संख्या 16 है। अब सूरजपुर के 3, दुर्ग के 2, कवर्धा के 4 और रायपुर के एक मरीज का इलाज एम्स में चल रहा है।
- कटघोरा में 16 अप्रैल के बाद कोई नया केस नहीं आया है। वहां के मरीज 4 अप्रैल से भर्ती होना शुरू हुए और सभी 27 की छुट्टी हो चुकी है।
6 शहरों से 11 ट्रेनों के जरिए मजदूरों को लाने की तैयारी
अब 11 ट्रेनों से 13200 और मजदूरों को देश के 6 अन्य शहरों से लाने का प्लान तैयार किया गया है। यह ट्रेनें लखनऊ, दिल्ली, मुजफ्फरपुर, साबरमती, पठानकोट और विजयवाड़ा से यहां पहुंचेंगी। रायपुर रेलवे मंडल को इसे लेकर पत्र मिल गया है। संभवत: पहली ट्रेन साबरमती से रविवार या सोमवार शाम को बिलासपुर के लिए रवाना होगी। इसके लिए 506 रुपए टिकट तय किया गया है। दोनाें ट्रेनों के लिए राज्य सरकार ने 14.52 लाख रुपए किराया चुकाया है।
सात ट्रेनों का भी किराया देने की चल रही तैयारी
- दिल्ली से बिलासपुर, मुजफ्फरपुर से रायपुर के लिए एक-एक, लखनऊ से रायपुर तक 3 और लखनऊ से भाटापारा तक 2 ट्रेनें चलेंगी
- पठानकोट से चांपा और फिर विजयवाड़ा से बिलासपुर वाली ट्रेन आएगी। विजयवाड़ा से बिलासपुर के लिए प्रति व्यक्ति 505 रुपए है।
- लखनऊ से रायपुर और लगे हुए जिलों के 3600 मजदूरों को तीन ट्रेनों से लाने की तैयारी है।
- राज्य सरकार ने इन ट्रेनों में सफर के लिए ऑनलाइन लिंक http:cglabour.nic.in/covid19MigrantRegistrationService.aspx जारी किया है।
- हेल्पलाइन नंबर 0771-2443809, 9109849992, 7587821800, 7587822800, 9685850444, 9109283986 व 8827773986 पर संपर्क किया जा सकता है।
अन्य राज्यों से आने के लिए ई-पास जरूरी
दूसरे राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ में प्रवेश के लिए जिस जिले में जाना है, वहां के कलेक्टर से भी ई-पास लेना होगा। राज्य के अफसरों का कहना है कि छत्तीसगढ़ आने के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेना जरूरी है। राज्य की सीमा पर फंसे लोगों का कहना है कि उन्होंने पहले छत्तीसगढ़ के ई- पास के लिए आवेदन किया था, लेकिन रिक्वेस्ट रिजेक्ट कर दिया गया। आवेदन क्यों रिजेक्ट किया गया। इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई।
रेड जोन से आने वालों को परमिशन नहीं
अपर मुख्य सचिव सीएम सुब्रत साहू का कहना है कि दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को अपने गंतव्य जिले के कलेक्टर से भी यात्रा की अनुमति लेनी होगी। दूसरे राज्य के जिला कलेक्टर की अनुमति से कोई भी केवल राज्य की सीमा तक आ सकता है। अंदर आने के लिए राज्य की परमिशन जरूरी है। साहू ने बताया कि रेड जोन वाले जिलों के लोगों को किसी भी तरह का पास जारी नहीं किया जा रहा है।
विदेश से आने वालों के लिए नियुक्त किए गए अधिकारी
विदेश में फंसे छत्तीसगढ़ के निवासियों की वापसी में मदद के लिए प्रेरणा अग्रवाल, एएलओ आवासीय कार्यालय नई दिल्ली को लायजन अधिकारी नियुक्त किया गया है। नई दिल्ली में क्वारैंटीन फैसलिटी, स्वयं के व्यय पर छत्तीसगढ़ आने के लिए टैक्सी, बस सेवा जैसी जानकारी के लिए मोबाइल नंबर 9821665267 और छत्तीसगढ़ सदन की हेल्पलाइन नंबर 011-46156000 पर संपर्क किया जा सकता है। समन्वय के लिए गृह सचिव अरूण देव गौतम से मोबाइल नंबर 94791-90009 पर संपर्क किया जा सकेगा।
ग्रामीण क्षेत्र के क्वारैंटाइन सेंटरों में गाड़ा जाएगा कचरा
प्रवासी मजदूरों के लिए जिले और ब्लॉक में बनाए जा रहे क्वारैंटाइन सेंटर में कोरोना संदिग्धों का कचरा जमीन में गाड़कर नष्ट किया जाएगा। संक्रमित कचरा नष्ट करने की यह तकनीकी पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। अब तक केवल दो ही संभाग रायपुर और बिलासपुर में कोरोना मरीजों के कचरे को गाइडलाइंस के मुताबिक नष्ट करने के सेटअप हैं। जानकारों का कहना है कि वेस्ट को नष्ट करने के लिए गड्ढा इतना गहरा खोदना होगा, ताकि मवेशी या जानवर इसे खोदकर बाहर न निकाल सकें।
कोरोना वेस्ट को हजार डिग्री में जलाना चाहिए
- अब तक प्रदेश में करीब 90 हजार से ज्यादा लोग क्वारैंटाइन पीरियड पूरा कर चुके हैं। केवल शहरों में ही नहीं, गांवों में भी लोगों को क्वारैंटाइन किया गया है।
- कोरोना और क्वारैंटाइन वेस्ट को एक हजार डिग्री पर जलाकर नष्ट करने का प्रावधान है। जमीन में गड़ाए जाने पर खतरे की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
- कोरोना संक्रमण को खतरनाक मानते हुए केंद्र और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से इसको डिस्पोज करने का प्रोटोकॉल तय किया गया है।
- क्वारैंटाइन में रखे गए लोग भी कोरोना के संदिग्ध माने जाते हैं, लिहाजा उनके द्वारा इस्तेमाल होने वाले किसी भी प्रकार की सामग्री के कचरे से संक्रमण की आशंका बनी रहती है।