आर्थिक गणना का 75 फीसदी काम पूरा, 25 तक फाइनल सर्वे

रायगढ़ । आर्थिक गणना के तहत जिले में 761 में से 617 ग्राम पंचायतों में डोर टू डोर सर्वे का काम पूरा हो गया है। साढ़े 4 लाख ईकाइयों के सर्वे में से प्रगणकों ने 75 प्रतिशत की एंट्री पूरी कर ली है और 75 फीसदी गणना का काम हो जाने के बाद अब 25 फरवरी तक आर्थिक गणना का फाइनल सर्वे पूरा किया जाना है।

केन्द्र सरकार द्वारा डिजिटल पैटर्न पर कराए जा रहे आर्थिक गणना में जिले में अब तक 3 लाख 39 हजार व्यवसायिक ईकाईयों का सर्वे पूरा हो गया है। आर्थिक गणना के तहत रायगढ़ जिले में 9 जनपदों के अंतर्गत आने वाले शहरी व ग्रामीण इलाकों में करीब साढ़े 4 लाख व्यवसायिक व आर्थिक ईकाईयों की पहचान की गई थी और अगस्त महीने से चिप्स एवं जिला योजना सांख्यिकी विभाग ने इसे शुरू किया था। चिप्स के रवि रश्मी सिंह ने बताया कि जिले में 1452 गांवों में डोर टू डोर सर्वे में आंकड़े लिए जाने थे और सोमवार तक करीब 1194 गांवों में इसका काम पूरा हो चुका है। जिले में आर्थिक गणना के आंकड़ों पर नजर डाले तो लैलूंगा व धरमजयगढ़ में इसका काम धीमा है। जिले में वनांचल के गांवों में हर जगह नेट कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं होने से भी दिक्कतें आ रही हैं। वहीं आफलाइन मोड में सर्वे की एंट्री करने पर तकनीकी खामियां आने के कारण भी काम प्रभावित हो रहा है। इसलिए इन तहसीलों में काम धीमा है। जिले में शेष बची 114 पंचायतों की ही गणना का काम किया जाना शेष है। इसके लिए सरकार ने भी समय सीमा में बढ़ोतरी की है और अब 25 फरवरी तक आर्थिक गणना का सर्वे का काम पूरा करना होगा।

मोबाइल एंट्री से हो रहा सर्वे

जिले में 16 अगस्त से डोर टू डोर आर्थिक गणना का काम शुरू हुआ है। इसके लिए वर्तमान में 70 टीम जिले में काम कर रही हैं। आर्थिक गणना में घर-घर जाकर प्रगणक पूछे गए सवालों एवं जानकारियों को मोबाइल में एंट्री कर रहे हैं। इसमें परिवार में सदस्यों की संख्या से लेकर मुखिया का नाम, एवं आर्थिक क्रियाकलाप के संबंध में जानकारी ली जा रही है। वीएलई के द्वारा स्मार्ट मोबाइल में डाटा एन्ट्री करने के पश्चात पर्यवेक्षक 1 एवं पर्यवेक्षक 2 इसे क्रास चेक कर रहे हैं।

नहीं करना होगा भूल सुधार

आर्थिक गणना के लिए कुछ जिलों में वनोपज संग्रह करने वाले परिवारों को छोड़ देने व तकनीकी चूक के कारण किरकिरी हुई थी । जिसके बाद वहां पर भूल सुधार कार्यक्रम के तहत अब दोबारा से सर्वे करना पड़ रहा है लेकिन रायगढ़ जिले में ऐसी स्थिति नहीं है। चिप्स के अफसरों के अनुसार गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के कारण रायगढ़ जिले का प्रदर्शन औसत है लेकिन इसमें दोबारा से एंट्री या भूल सुधार की जरूरत नहीं पड़ने की बात भी अफसर कह रहे हैं।


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