रायगढ़ 21 नवंबर 2020. कोविड हॉस्पिटल से शनिवार को सुखद समाचार आया। 93 साल के बुजुर्ग कोरोना को हराकर अपने घर लौटे। डॉक्टरों ने उनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव मिलने पर शनिवार को उनको डिस्चार्ज कर दिया। कोविड अस्पताल से जिले में कोरोना को हराकर स्वस्थ होने वाले रैबार के ये बुजुर्ग सबसे ज्यादा उम्र के हैं।
रैबार के निवासी इस बुजुर्ग की तबीयत 5 नवंबर को बिगड़ी, उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। साथ ही खांसी, बुखार और जुकाम की शिकायत थी। उन्हें बीपी, शुगर की पहले से बीमारी भी है। परिजन ने निजी हॉस्पिटल लेकर गए जहां डॉक्टर ने उन्हें स्थिति को देखते हुए कोरोना टेस्ट करने की सलाह दी। 6 नवंबर को टेस्ट पॉजिटिव आया। परिजनों ने थोड़ी सी भी देर न करते हुए एमसीएच (कोविड हॉस्पिटल) में भर्ती कराया। हालात गंभीर होने पर उन्हें कोविड हॉस्पिटल के आईसीयू में रखा गया। सेचुरेशन कम होने के कारण वह ऑक्सीजन पर थे। 15 नवंबर तक वे वेंटिंलेटर पर थे। उसके बाद हालत में सुधार होने पर उन्हें मेडिकल कॉलेज में बने कोविड केयर सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया। 20 नवंबर को उनका कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया और 21 नवंबर को डिस्चार्ज कर दिया गया।
बुजुर्ग के गांव में हर्ष है, उनके पुत्र ने बताया कि यह चमत्कार ही हो गया है कि उनके पिता कोरोना संक्रमण से ठीक होकर घर लौट आए हैं। अभी वो 7 दिन घर में आइसोलेशन में रहेंगे उसके बाद उनके स्वस्थ होने का पारिवारिक रूप से जश्न मनाया जाएगा। परिजनों ने मेडिकल कॉलेज के सभी लोगों का आभार जताया है।
14 दिन तक किया कोरोना का डटकर सामना
इलाज के दौरान 93 वर्षीय बुजुर्ग की पल्स रेट भी काफी गिर गई। सांस फूलने और पॉजिटिव होने के बावजूद वे हिम्मत नहीं हारे। भर्ती रहने के दौरान जब पल्स रेट गिरी तो डॉक्टरों ने न्यूट्रिशन पर ध्यान देने की सलाह दी। कोरोना को हराने के लिए बुजुर्ग ने सुबह-शाम नींबू की चाय पी और दोनों समय खाना खाया। वह 14 दिन कोरोना से लड़ते रहे। उनकी हिम्मत के आगे 14 दिन बाद कोरोना खुद हार गया। जांच रिपोर्ट निगेटिव और स्वास्थ्य बेहतर होने पर डॉक्टरों ने शनिवार को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया।
सही समय पर कोविड हॉस्पिटल आए थे बुजुर्ग : डॉ. वेदप्रकाश
कोविड हॉस्पिटल इंचार्ज और मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रायगढ़ के कोविड नोडल अधिकारी डॉ. वेदप्रकाश घिल्ले का कहना है, रैबार के यह अब तक के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति हैं जो कोरोना संक्रमण से स्वस्थ होकर घर लौटे हैं। इससे पहले 84 साल और 80 साल के बुजुर्ग यहां से डिस्चार्ज होकर गए हैं। शुरुआत में लग नहीं रहा था कि 93 वर्षीय बुजुर्ग बच पाएंगे क्योंकि उनकी हालत क्रिटिकल थी उन्हे वेंटिलेटर पर रखा गया था । लेकिन उन्होंने शानदार तरीके से रिकवर किया। डॉ. वेद ने कहा कि बुजुर्ग को सही समय पर कोविड हॉस्पिटल तक पहुंचाया गया जिसके कारण वो बच गए।
डॉ. वेद ने लोगों से अपील की है कि कोरोना के शुरुआती लक्षण दिखे तो तुरंत जांच कराएं। समय पर जांच होने से आपकी जान बच सकती है।
छिपाएं नहीं आगे आएं : सीएमएचओ डॉ. एसएन केसरी
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसएन केसरी बताते हैं कोरोना का सामना हमें साथ मिलकर कर करना है। कोरोना संक्रमण से मृत्यु के मामले में जिला पूरे प्रदेश में तीसरे नंबर है। हमारे यहां मृत्यु दर 1.5 प्रतिशत है। इसे हम सब मिलकर रोक सकते हैं। लोग समय रहते लक्षण दिखने पर अपना कोरोना टेस्ट कराएं, घर पर डॉक्टर नहीं बने। पूरा स्वास्थ्य अमला लोगों के लिए दिन-रात लगा हुआ है। अपनी बीमारी को लोग छिपाएं नहीं, ऐसे में दवा भी इन लोगों का कुछ नहीं कर सकती।
सीएमएचओ डॉ. एसएन केसरी ने लोगों से अपील की है कि बीमार लोग स्वस्फूर्त आगे आएं और किसी भी प्रकार का कोई लक्षण दिखे तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या चिकित्सक से संपर्क करे। साथ ही मास्क लगाना, दो गज दूरी और हाथों को धोना जारी रखें।