- सीएम हाउस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ली सभी मंत्रियों की बैठक, इसी में हुए अहम निर्णय
- मास्क लगाना अनिवार्य किया गया, सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक पहले की तरह अब भी जारी रहेगी
रायपुर. छत्तीसगढ़ में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच सड़कों पर भीड़ भी बढ़ी है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश सरकार के सभी मंत्रियों की बैठक ली। इस बैठक में फैसला लिया गया कि राजीव गांधी की जयंती 20 अगस्त को न्याय योजना की दूसरी किश्त की रकम किसानों को दी जाएगी। स्कूल और कॉलेज में दाखिले की प्रक्रिया जुलाई से शुरू होगी। प्रदेश में मास्क लगाना अब अनिवार्य कर दिया गया है। स्कूल शुरू करने पर फैसला अगस्त के महीने में लिया जाएगा।
फैसले जो सरकार ने लिए
बैठक के बाद कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे और वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि किसान न्याय योजना के अंतर्गत राज्य के 19 लाख किसानों के खाते में दूसरी किश्त की राशि दी जाएगी, केन्द्र सरकार की एडवाइजरी के अनुसार परिस्थितियों को देखकर अगस्त से स्कूल और कॉलेज की रेगुलर क्लास के बारे में विचार किया जाएगा, बिना मास्क लगाए पाए जाने पर लोगों से सौ रूपए का जुर्माना लिया जाएगा, पहले की तरह सभा और समारोह के आयोजन प्रतिबंधित रहेंगे।
कोरोनावायरस के फैलाव की आशंका कम
इस बैठक में सरकार ने माना कि प्रदेश में कोरोनावायरस के फैलने की अब आशंका कम है। इसके पीछे की वजह श्रमिकों का घर लौटना माना जा रहा है। दावा किया गया कि प्रदेश में 3 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक अन्य प्रदेशों से वापस लौटे हैं। बड़ी तादाद में श्रमिक क्वारैंटाइन को पूरा कर घर लौट चुके हैं, इसके बावजूद कोरोना संक्रमण का कोई बड़ा फैलाव नहीं हुआ है। आगे भी संक्रमण फैलने की आशंका कम है। प्रवासी श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन के अनुसार अभी भी 70 हजार से अधिक श्रमिक छत्तीसगढ़ लौटेंगे। इन्हें भी क्वारंटाइन सेन्टर में रखा जाएगा।
फिर से नहीं होगा लॉकडाउन
प्रदेश के लोगों में एक चर्चा यह भी है कि क्या फिर से लॉकडाउन किया जा सकता है ? इस पर भी सरकार के मंत्रियों ने चर्चा की, यह साफ कहा गया है कि प्रदेश में बस ट्रांसपोर्ट अभी बंद हैं और फिलहाल बंद रहेगा। राज्य और केन्द्र सरकार की एडवाइजरी के अनुसार जो गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं उन्हें रोका नहीं जाएगा। कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश में राजस्व की आवक नहीं हो पा रही है। केन्द्र से पिछले साल की 1400 करोड़ रूपए की राशि नहीं मिली है। राज्य सरकार इसके लिए और हर माह राज्यों को मिलने वाले टेक्स के हिस्से के लिए केन्द्र सरकार से लगातार आग्रह कर रही है। इन परिस्थितियों में सरकार ने अपने खर्च में कटौती करने का निर्णय लिया है।