आत्म निर्भरता की राह में दिव्यांगता भी नहीं बन सकी रोड़ा, बैंक सखी के रूप में कार्य कर गायत्री का बढ़ रहा है आत्म विश्वास, एक हाथ से दिव्यांग है गायत्री

रायगढ़, 6 दिसम्बर 2019/ बैंक सखी के रूप में कार्य कर अब मै आत्मनिर्भर हो रही हूं मेरा आत्म सम्मान व आत्मविश्वास भी बढ़ रहा है। उक्त बातें बरमकेला विकासखण्ड के ग्राम करनपाली की गायत्री साहू ने कही। गायत्री करनपाली, करपी, बाराद्वान व कपरतुंगा गावंो मेंं बैंक के सखी के रूप में सेवायें दे रही है। गायत्री के बारे में विशेष बात यह है कि वह एक हाथ से दिव्यांग है। बी ए तक पढ़ी गायत्री इन गांवों में जाकर पेंशन व नरेगा मजदूरी का भुगतान सीएससी के पेमेन्ट गेटवे डीजी पे के द्वारा कर रही है। बहुत जल्द अन्य बैंकिग सुविधायें भी ग्रामीणों तक पहुंचाएगी। इस कार्य के लिये गायत्री को जिला पंचायत रायगढ़ से लेपटाप तथा अन्य उपकरणो की खरीदी हेतु 64 हजार रूपये की वित्तीय सहायता मिली है।  उन्होंने  सीएससी की आईडी भी ली है और शीघ्र गावं में आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, जन्म तथा मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने व बिजली बिल पटाने जैसे कार्य प्रारंभ करने जा रही है।

गायत्री ने बताया कि स्व-सहायता समूह में काम करने वाली महिलाओं को देखकर उन्हें भी स्वावलंबी बनने की ललक जागी, परंतु दिव्यांगता उनके आत्मनिर्भर होने मेंं एक बड़ी समस्या थी। बैंक सखी के रूप में उन्हें एक ऐसा काम मिल गया है जिससे वह आर्थिक रूप से स्वनिर्भर तो बन रही है साथ ही जीवन में उत्साह भी आने लगा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान)के तहत चलायी जा रही यह योजना ग्रामीण आर्थिक लेन देने के लिये एक संजीवनी है। जिससे लोगों को रोजगार भी मिल रहा है और उनकी  बैकिंग गतिविधियों के बारे में समझ भी विकसित हो रही है। जिसके दूरगामी परिणाम बहुत लाभदायक साबित होंगे। उन्होंने शासन प्रशासन को धन्यवाद भी दिया जिनके माध्यम से उन्हें एक ऐसा काम मिला जिसमें दिव्यांगता भी बाधा नहीं बन सकी।


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