पेंड्रारोड-सारबहरा के बीच पटरी में आधा क्रेक दिखा, ट्रेन गुजरती तो टूटने से पलट भी सकती थी
खोंसगरा-भनवारटंक-खोडरी-सारबहरा से लेकर पेंड्रारोड तक नई रेलवे लाइन अत्यंत ही घटिया
बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के िबलासपुर में रेलवे की लापरवाही और घटिया निर्माण कार्य थमने का नाम नहीं ले रहे। अब दुर्ग से छपरा तक जाने वाली सारनाथ एक्सप्रेस ट्रेन पेट्रोल मैन की सतर्कता से बड़े हादसे का शिकार होते बच गई। रेलवे ट्रैक पर देर रात क्रैक देख पेट्रोल मैन ने पटरी पर डेटोनेटर फोड़ कर तेज रफ्तार सारनाथ एक्सप्रेस को रुकवा दिया। फ्रैक्चर पटरी पर ट्रेन के गुजरने से पलट भी सकती थी। खोंसगरा-भनवारटंक-खोडरी-सारबहरा से लेकर पेंड्रारोड तक नई रेलवे लाइन अत्यंत ही घटिया है। इसकी वजह से इस पूरे क्षेत्र में लगातार पटरियां टूटने की घटना हो रही है।
फिश प्लेट लगाकर 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाई गई ट्रेन
5 व 6 दिसंबर की रात करीब 1.15 बजे पेट्रोल मैन आशीष कुमार मानिक पुरी और सुदर्शन पुरी पेट्रोलिंग ड्यूटी पर थे। सारबहरा से पेंड्रारोड के बीच किमी 818/21.23 पर रेल पटरी क्रैक दिखाई पड़ी। उन्होंने तत्काल इसकी जांच की तो देखा कि पटरी ऊपर से आधी क्रेक है। अगर कोई ट्रेन इसके ऊपर से गुजरती तो यह टूट जाती और इससे तेज रफ्तार ट्रेन पलट भी सकती है। इस बीच उन्हें सूचना मिली कि इसी लाइन पर दुर्ग-छपरा सारनाथ एक्सप्रेस आ रही है। दोनों पेट्रोल मैन ने पटरी पर डेटोनेटर रखकर फोड़ना शुरू किया।
तब तक ट्रेन क्रमांक 15160 सारनाथ एक्सप्रेस पटरी पर दिखाई देने लगी थी। ट्रेन के लोको पायलट ने पटरी के बीच डेटोनेटर फूटते देखा तो रात 1.39 बजे कुछ दूर पहले ही ट्रेन रोक दी। पेट्रोल मैन ने लोको पायलट को पूरी जानकारी दी। इसके बाद तत्काल पेंड्रारोड से पीडब्ल्यूआई को बुलवाकर पटरियों को जाॅगल फिश प्लेट लगाकर मजबूत कर दिया। इस काम में पीडब्ल्यूआई को 20 मिनट का समय लगा। तब तक सारनाथ एक्सप्रेस जंगल के बीच खड़ी रही। रात में 2 बजे फिश प्लेट लगे ट्रैक से 10 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेन को चलाया गया।
आरवीएनएल की बिछाई रेल लाइन घटिया, 6 माह में 7 बार टूट चुकी
बिलासपुर से पेंड्रारोड के बीच खोंगसरा से लेकर पेंड्रारोड तक आरवीएनएल द्वारा बिछायी गई नई रेलवे लाइन अत्यंत ही घटिया है। 6 महीने में 7 बार पटरियां टूटने की घटना हो चुकी है। लखनऊ स्थित लैब आरडीएसओ ने भी जांच के बाद नई रेलवे लाइन की वेल्डिंग को घटिया बता चुकी है। इस बात से अफसर चिंतित हैं कि पटरियां टूट रही हैं। वेल्डिंग उखड़ रही है। ऐसे में दुर्घटना रोकने की पूरी जवाबदारी पेट्रोल मैन की है। और वे पूरी सतर्कता से काम भी कर रहे हैं।