दंतेवाड़ा में भी झिरका के जंगलों में भी करीब तीन घंटे चली मुठभेड़ के बाद भागे नक्सली, सामान बरामद
बीजापुर/दंतेवाड़ा. छत्तीसगढ़ के बीजापुर और दंतेवाड़ा में बुधवार देर रात सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई। बीजापुर में झारपाल्ली के जंगलों में हुई इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया। मुठभेड़ में घायल होने के बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसने दम तोड़ दिया। वहीं दंतेवाड़ा में करीब तीन घंटे जवानों से चली मुठभेड़ के बाद नक्सली वहां से भाग निकले। मौके से जवानों ने पिठ्ठू बैग सहित अन्य सामान बरामद किया है।
सीआरपीएफ 151 बटालियन में तैनात था जवान
बीजापुर जिले के पामेड़ थाना क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर जवान देर रात सर्चिंग पर निकले थे। इस दौरान झारपल्ली के जंगलों घात लगाए नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। देर रात चली इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ का एक जवान घायल हो गया। उसे गंभीर हालत में चेरला के कालीपेरु में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। सीआरपीएफ के शहीद जवान का नाम कांता प्रसाद है और वह सीआरपीएफ 151 बटालियन में तैनात थे। प्रभारी एसपी गोवर्धन ठाकुर ने इस मुठभेड़ की पुष्टि की है।
नक्सली कमांडर चंद्रन्ना की मौजूदगी होने की सूचना पर निकले थे जवान
वहीं दंतेवाड़ा में भी बुधवार रात झिरका के जंगलों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। करीब तीन घंटे तक दोनों ओर से गोलियां चलती रहीं। इसके बाद नक्सली जान बचाकर वहां से भाग निकले। सर्चिंग के दौरान जवानों ने मौके से भारी तादात में नक्सली साहित्य, पिठ्ठू और अन्य सामान बरामद किया है। बताया जा रहा है कि नक्सली कमांडर चंद्रन्ना की मौजूदगी की सूचना जवानों को मिली थी। इसके बाद डीआरजी और एसटीएफ की टीम सर्चिंग के लिए निकली थी।
शवों को नहीं ले जा रहे परिजन, अाराेप- गोली मारी फिर नक्सली वर्दी पहनाई
वहीं दंतेवाड़ा में मुनगा के जंगलों में मंगलवार को हुई मुठभेड़ पर सवाल खड़े हो गए हैं। पुलिस जिन दो लोगों को इनामी नक्सली बताकर मुठभेड़ में ढेर करने का दावा कर रही है उनके परिजनों ने पूरी घटना को फर्जी बताया है। परिजनों ने दावा किया है कि दोनों युवकों की मौत मुठभेड़ में नहीं हुई है बल्कि खेत में रखवाली करने के दौरान जवान उन्हें पकड़कर ले गये थे और गोली मार दी। दोनों को गोली मारने के बाद इन्हें वर्दी भी पहना दी। दोनों मृतकों की पत्नियों के अलावा उनके बुजुर्ग मां-बाप भी दंतेवाड़ा में ही डेरा जमाए हुए हैं। एक दिन पहले ही दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने इसे बड़ी सफलता बताया था और मुठभेड़ में शामिल जवानों को दस दिन की छुट्टी भी दे दी थी।