गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही पर होगी कार्यवाही-कलेक्टर भीम सिंह, बीजों के स्थानीय उत्पादन की दिशा में काम करें बीज निगम, कलेक्टर श्री सिंह ने कृषि व संबंधित विभागों की ली गहन समीक्षा बैठक

रायगढ़, 3 नवम्बर 2020/ कलेक्टर श्री भीम सिंह ने कृषि व संबंधित विभागों की समीक्षा बैठक ली। फसल बीमा के संबंध में उन्होंने इंश्यारेंस कंपनी के प्रतिनिधि से योजना की जानकारी ली। उसने बताया कि कुछ किसानों के चालान की राशि गलत हेड में जाने के कारण राशि कंपनी को नहीं मिल पायी है। कलेक्टर श्री सिंह ने बैठक से ही लीड बैंक मैनेजर के माध्यम से बैंक प्रबंधन के राज्य नोडल से बात करते हुये समस्या सुलझाने के लिये कहा। साथ ही लीड बैंक मैनेजर को निर्देशित किया कि बीमा कंपनी से फालोअप कर 10 तारीख के पूर्व अनिवार्य रूप से राशि सही हेड में अंतरित करवायें। फसल बीमा योजना के समुचित क्रियान्वयन नहीं होने पर उन्होंने नाराजगी जताते हुये उप संचालक कृषि को शो-काज नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग किसानों से सीधी जुड़ी योजनाओं का क्रियान्वयन करता है। अत: इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिये, अन्यथा संबंधित के ऊपर कार्यवाही की जायेगी।

गोधन न्याय योजना की समीक्षा करते हुये उन्होंने कहा कि शासन की अत्यंत महत्वपूर्ण योजना है इसका सफलता पूर्वक क्रियान्वयन होना चाहिये। यह योजना सेल्फ सस्टेनिंग मॉडल पर चलाया जाना है। जिसकी महती जिम्मेदारी कृषि विभाग की है। अत: खरीदे गोबर को समय पर वर्मी पिट में डालकर खाद तैयार कर उसकी बिक्री करें। उन्होंने बैठक में साफ तौर पर कहा कि खाद की बिक्री केवल सहकारी समितियों के माध्यम से होगी। खुली खरीदी-बिक्री नहीं की जानी है। गोबर की रिसाईक्लिंग न हो इसका भी ध्यान रखे। उन्होंने आगे बताया कि चरवाहों द्वारा गौठान से एकत्रित किया गोबर ही खरीदा जायेगा। उन्होंने सभी आरएईओ को 30 सितम्बर तक हुई गोबर खरीदी और खाद निर्माण की जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने आगे कहा कि चूंकि गोधन न्याय योजना की खरीदी एप के माध्यम से हो रही है, खरीदी से जुड़े किसी व्यक्ति अगर इसमें समस्या आ रही है तो उसे पुन: टे्रनिंग दें।

बैठक में बीज निगम के अधिकारियों से जिले में विभिन्न दलहन, तिलहन, व अन्य फसलों के बीज की उपलब्धता और उसके भंडारण की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि बीज निगम स्थानीय स्तर पर ही बीज उत्पादन की दिशा में काम करे जिससे समय पर किसानों को उसकी जरूरत के मुताबिक बीज आसानी से मिल सके। इससे फसल संतुलन और विविधता को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कृषि विभाग की अन्य योजनाअेां के जिले में प्रगति की जानकारी ली। कृषि के साथ वन अधिकार पत्र प्राप्त, उद्यानिकी, पशुपालन व मछलीपालन से जुड़े कृषकों के भी किसान अभियान चलाकर किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के निर्देश कलेक्टर श्री सिंह ने दिये। लैलूंगा में सुगंधित धान उत्पादन के क्षेत्र को बढ़ाने के लिये कहा। कृषि व उद्यानिकी विभाग से जुड़े एफपीओ के गठन करने के भी निर्देश दिये।
पशुपालन विभाग को निर्देशित किया कि जिले में पोल्ट्री फार्मिंग को बढ़ावा दें। जिससे आंगनबाड़ी में बांटे जाने वाले अण्डे की पूर्ति जिले से ही हो जाये। मत्स्य पालन विभाग को निर्देशित किया कि मछली पालन के लिये तालाब पट्टा हेतु आबंटित लक्ष्य को शीघ्र पूरा करें। उद्यानिकी विभाग को समीक्षा के दौरान निर्देशित किया कि जिले में किसी फल या सब्जी जिसका बहुतायत में उत्पादन होता है उसकी कार्ययोजना बनाते हुये ज्यादा किसानों को जोड़कर उत्पादन को बढ़ावा दें। उद्यानिकी विभाग के नदी, कछार, पोषण बाड़ी विकास योजनाओं की समीक्षा भी की। इस दौरान संबंधित विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे तथा सभी विकासखण्डों से अधिकारी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े रहे।


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