निराश दिव्यांगजनो के जीवन मे लौट रही खुशियाँ, बनोरा के निःशुल्क शिविर से मिल रहा लगातार लाभ

रायगढ। दिव्यांगता जीवन का अभिशाप नही है बल्कि बनोरा की प्रयोगशाला ने इसे वरदान बनाया है l सात दिनों तक चलने वाले इस निःशुल्क कैलिपर्स शिविर से आसपास के राज्यो सहित अंचल के दिव्यांगजनो को लाभ मिल रहा है l अघोर गुरु पीठ ट्रस्ट बनोरा क्षेत्र वासियो के लिए अध्यात्म का मार्ग दिखाने का माध्यम है l यहाँ की आध्यत्मिक शक्ति का प्रभाव है कि शारीरिक रूप से अक्षम निराश लोगो को जीवन जीने की नई राह दिख रही है l यह शिविर दिव्यांग जनों के जीवन मे खुशियो के रंग भर रहा है l निरन्तर पांच वर्षों से होने वाले सात दिवसीय निःशुल्क आयोजन का लाभ प्रदेश भर के दिव्यांगजनो को हो रहा है l दिव्यांग जन कृत्रिम अंग व कैलिपर्स के लिए बनोरा शिविर के आयोजन के दौरान यहां आकर लाभांवित हो रहें है । 24 दिसम्बर से प्रारंभ शिविर का 30 दिसंबर को अपरान्ह विधिवत समापन होगा। शिविर में आये दिव्यांगजनो ने चर्चा के दौरान बताया कि यह शिविर उनके लिए नवजीवन का संदेश है l आर्थिक परेशानियां अज्ञानता व साधनों की कमी की वजह से क्षेत्र के दिव्यांगजन कठिन जीवन जीने के लिए विवश थे l

कृत्रिम अंगों व कैलिपर्स के इलाज की सबसे बेहतर की सुविधा पूरे देश मे केवल जयपुर में ही है l लेकिन आवागमन की असुविधा के साथ खर्चीला इलाज होने की वजह दिव्यांगजन इसके इलाज से वंचित थे l शरीर के वजन कम ज्यादा होने का असर भी कैलिपर्स व कृत्रिम अंगों पर पड़ता है इसके सतत सुधार की आवश्यकता होती है l ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले दिव्यांगजन बार बार इसके सुधार के लिए नही जा पाते l लेकिन बनोरा में हर साल आयोजित होने वाले शिविर में उन्हें सुधार की सुविधा आसानी से हासिल हो जाती है l बनोरा में शिविर के आयोजन से दिव्यांगजनो की न केवल जयपुर आवागमन के जंजाल से मुक्ति मिली । अपितु बार बार सुधरवाने की सुविधा शिविर के जरिये हासिल हो रही है । जयपुर के चिकित्सक डा ओम प्रकाश जांगिड़ ने चर्चा के दौरान बताया इतना बड़ा आयोजन कर पाना कठिन है l जयपुर की सुबिधा यहां हासिल हो रही है l शारीरिक विकलांगता से निराश होने की जरूरत नही है l इसे भगवान का श्राप मानने की मानसिकता छोड़नी होगी l आज की टेक्नालजी ने कृत्रिम अंगों के निर्माण को बहुत सुविधाजनक बनाया है । कृत्रिम अंग व कैलिपर्स में उपयोग का सही तरीका अन्य बीमारियों की सम्भवना से भी बचाता है l

दिव्यांगो का कहना-
शिविर में आये राजेश उरांव ने बताया कि खरसिया के पास राईस मिल में 6 साल पहले काम करने के दौरान बॉयलर ब्रस्ट होने से स्थाई रूप से अंग भंग हो गया लेकिन शिविर की जानकारी होने पर यहां आया और उसे लाभ मिल रहा है l वही धरमजयगढ़ के पौड़ी निवासी शिक्षक केशव प्रसाद ठाकुर पेशे से शिक्षक है l सुगर की वजह से पैर काटना पड़ा यहां शिविर में कृत्रिम अंग दिया जा रहा है l वही 2010 में जयराम भगत डोलनारा ने स्पंज आयरन उद्योग में दुर्घटना के दौरान हादसे में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था लेकिन शिविर में उसकी खुशिया लौट गई l

शिविर का समापन आज
सात दिवसीय कैलिपर्स शिविर का समापन सोमवार को दोपहर 3 बजे सांसद गोमती साय की मौजूदगी में होगा और सप्ताह भर तक चले इस शिविर में तैयार कृत्रिम अंगो का सामूहिक वितरण किया जाएगा l विदित हो कि यह शिविर पिछले पांच वर्षों के आयोजित की जा रही हैं।


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