रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को एक नई जिम्मेदारी देते हुए उन्हें उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया है। भूपेश बघेल ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, माननीय राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी जी ने उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मुझे पर्यवेक्षक होने का निर्देश दिया है। बड़ी ज़िम्मेदारी है। पूरा प्रयास रहेगा कि शीर्ष नेतृत्व की उम्मीदों पर खरा उतर सकूं। परिवर्तन का संकल्प, कांग्रेस ही विकल्प
इधर, पिछले कई दिन से छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले नेता राजधानी दिल्ली में रुके हुए हैं। हालांकि छत्तीसगढ़ प्रभारी फिलहाल इन दिनों दिल्ली में नहीं है, लेकिन लगातार विधायकों का दिल्ली पहुंचने का सिलसिला जारी है। जानकारी के अनुसार शुक्रवार शाम भी छत्तीसगढ़ के सात विधायक दिल्ली पहुंचे थे। पिछले कई दिनों से विधायकों का दिल्ली में आना और जाना लगातार लगा हुआ है। फिलहाल इस समय दिल्ली में छत्तीसगढ़ के 24-25 विधायक मौजूद हैं और रविवार तक इसकी संख्या लगभग 35 हो जाएगी।
हालांकि सूत्रों के अनुसार ये भी जानकारी सामने आ रही है कि इस पूरे घटनाक्रम को स्पष्ट करने के लिए अगले सप्ताह ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी छत्तीसगढ़ का दौरा कर सकते हैं। इस बीच दिल्ली में मौजूद विधायकों की मानें तो राज्य में सबकुछ ठीक है, वे केवल राहुल गांधी या प्रभारी पीएल पुनिया से एक सामान्य मुलाकात करना चाहते हैं। इसमें शक्ति प्रदर्शन जैसा कुछ भी नहीं है।
दिल्ली पहुंचे विधायक बृहस्पत सिंह ने शनिवार को कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे राज्य जिसे विकास के मॉडल के तौर पर जाना जा रहा है, वहां नेतृत्व परिवर्तन का फिलहाल कोई सवाल नहीं है। भूपेश बघेल की अगुवाई में ही पूरे पांच साल सरकार चलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगले दो दिनों में कुछ और विधायक दिल्ली पहुंचने वाले हैं। इसके बाद प्रभारी पीएल पुनिया के दिल्ली पहुंचने के बाद सभी उनसे मुलाकात करेंगे।
वहीं छत्तीसगढ़ के एक अन्य विधायक विनय जायवाल ने कहा कि वो अपने कुछ निजी कार्य से दिल्ली आए थे, कई अन्य विधायक भी उनके साथ रुके, हालांकि इस दौरान उनकी पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता से मुलाकात नहीं हुई। इस बीच सीएम बघेल ने कहा, विधायक अपनी मर्जी से दिल्ली में हैं। वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं। इससे राजनीति का कोई लेना देना नहीं।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा की सीटें हैं, इनमें कांग्रेस के 70 विधायक हैं। इससे पहले करीब एक महीने पहले सीएम भूपेश बघेल ने दिल्ली में विधायकों का इसी तरह का शक्ति प्रदर्शन करवाया था, जिसके बाद सीएम बदले जाने का विवाद लगभग थम गया था। लेकिन एक बार फिर अचानक विधायकों का दिल्ली आने का सिलसिला शुरू हो गया है, ऐसे में फिर से ये चर्चा जोर पकड़ रही है।