श्रमिक का इलाज चल रहा था रायपुर एम्स में , 20 जून को संक्रमित पाए जाने के कारण किया गया था भर्ती, जांजगीर जिले के एक क्वारैंटाइन सेंटर में दूधमुंही बच्ची की भी गई जान, दूध गले में अटकने से मौत
जांजगीर. जिले के एक मजदूर की मौत हो गई। वह कोरोना संक्रमित था। श्रमिक का इलाज रायपुर एम्स में किया जा रहा था। युवक की रिपोर्ट छह दिन पहले ही कोरोना पॉजिटिव आई थी। जिले में कोरोना पॉजिटिव मजदूर की मौत का यह पहला मामला है। जांजगीर में करीब 80 हजार से अधिक प्रवासी मजदूर देश के अन्य राज्यों से आए हैं। यह भी उन्हीं में से एक था। 12 जून को दिल्ली से लौटने के बाद इसे मालखरौदा क्वारैंटाइन सेंटर रखा गया था। अब इस मौत की वजह से परिवार से उसका सहारा छिन गया है। सीएमएचओ डॉ.एसआर बंजारे के अनुसार कोरोना पॉजिटिव युवक का लीवर भी खराब हो गया था। प्रदेश में अब तक 13 कोरोना संक्रमितों की जान जा चुकी है।
क्वारैंटाइन सेंटर में दो माह की बच्ची की मौत
पामगढ़ थाना क्षेत्र के नंदेलीपंचायत के व्यासनगर क्वारैंटाइन सेंटर में धरदेई निवासी युवक धर्मेंद्र केंवट अपनी पत्नी देवीबाई केंवट के साथ 14 जून को आया था। इस दंपती की दो माह की बेटी भी थी। शुक्रवार की सुबह देवी बाई ने अपनी बेटी को दूध पिलाया। दूध बच्ची के गले में जाकर अटक गया। उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। परिवार हड़बड़ा मदद की गुहार लगाने लगा। बच्ची को क्वारैंटाइन सेंटर से पामगढ़ अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टर ने मौत की पुष्टि की। बच्ची की मौत के बाद उसके साथ माता, पिता की कोरोना जांच की गई। तीनों की रिपोर्ट निगेटिव आई । बीएमओ सौरभ यादव ने बच्ची के गले में दूध अटकने की वजह से उसकी मौत होना बताया।