छत्तीसगढ़ में 24 घंटे के भीतर क्वारंटाइन सेंटर में एक और मासूम बच्चे की मौत, कोरोना रिपोर्ट आने से पहले किया अंतिम संस्कार

कवर्धा. छत्तीसगढ़ के क्वारंटाइन सेंटर में प्रवासी श्रमिकों की तबीयत बिगडऩे और उनकी मौत होने का सिलसिला लगातार जारी है। बुधवार को कवर्धा जिले के ग्राम बांधाटोला क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे तीन माह के नवजात बच्चे की मौत हो गई। दरअसल मासूम को तबीयत बिगडऩे पर सहसपुर लोहारा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था। जहां 27 मई को बच्चे की मौत हो गई। बतां दें कि आज सुबह बालोद जिले के क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे एक और मासूम बच्चे की कोविड अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। (Coronavirus death in chhattisgarh)

तेज बुखार की शिकायत थी मासूम को
मिली जानकारी के अनुसार कवर्धा जिले के ग्राम बांधाटोला निवासी हिरन पटेल व उसकी पत्नी लक्ष्मी 11 मई को नागपुर से गांव पहुंचे। जहां उन्हें क्वारंटाइन किया गया था। कोरोना लक्षण दिखाई नहीं देने पर रैपिड टेस्ट लिया गया जिसमें उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। 25 मई को एकाएक 3 माह के बच्चे को तेज बुखार आ गया। इसके बाद बच्चे को तुरंत सहसपुर लोहारा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया, लेकिन 27 मई को बच्चे की मौत हो गई।

कर दिया अंतिम संस्कार
मासूम की मौत के बाद बच्चे के माता पिता का कारोनो सैंपल लिया गया है। वहीं बताया जा रहा है कि बिना पोस्टमार्टम के ही बच्चे का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इसके चलते स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन संदेह के दायरे में आ गया है। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग बच्चे को जन्म से कमजोर होने की बात कह रहा है। सीएमएचओ डॉ. एसके तिवारी ने बताया कि बच्चे व उसके माता पिता की जांच किया गया था, रिपोर्ट निगेटिव आया था। बच्चा बेहद कमजोर था।

बालोद के कोविड अस्पताल में मासूूम की मौत
बालोद जिले के कोविड अस्पताल में गुरुवार सुबह चार माह के बच्चे की मौत से हड़कंप मच गया। डौंडी लोहारा ब्लॉक के ग्राम भरदाकला गांव के क्वारंटाइन सेंटर में बच्चे की तबीयत बिगडऩे के बाद उसे उपचार के लिए कोविड अस्पताल बालोद में भर्ती किया गया था, जहां आज सुबह मासूम की मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार मृतक बच्चे और उसके परिवार का 25 मई को कोरोना सैंपल लिया गया है। जिसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। इसी बीच मासूम की तबीयत बिगड़ गई थी। अपने जिगर के टुकड़े की सांस थमने के बाद मां लगभग दो घंटे तक मासूम को सीने से लगाकर बैठी। डॉक्टरों और नर्सों की लाख कोशिश के बाद भी वह शव को देने के लिए तैयार नहीं थी। तब जाकर अस्पताल में पुलिस बुलानी पड़ी। पुलिसकर्मियों ने पीपीई किट पहनकर किसी तरह मां की गोद से मृतक बच्चे की डेड बॉडी को बाहर निकाला। उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।


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