रायगढ़, 6 मार्च2020/ बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान अंतर्गत पीसी एण्ड पीएनडीटी एवं महिलाओं पर जागरूकता कार्यक्रम गत दिवस कलेक्टोरेट रायगढ़ के सृजन सभाकक्ष में आयोजित की गई। इस मौके पर ममता फाउन्डेशन के श्री राजेश शर्मा ने फाउन्डेशन द्वारा बालिकाओं के लिए किये जा रहे कार्यो को बताया। एल.एच.बी. श्रीमती पुष्पलता पाणिग्राही ने कहा महिलाओं में जागरूकता की अत्यंत आवश्यकता है। घर में महिलायें सबको खाना खिलाने के बाद स्वयं अंत में बचा खुचा खाना खाती हैं, अपने ऊपर ध्यान नहीं देती। सुबह से खाली पेट ही घर का सारा काम करते रहती हैं। इस कारण उनको गैस एवं कमजोरी आदि की समस्या होती है। इन सबसे बचने के लिए उनको अपने ऊपर ध्यान देने की आवश्यकता है। सही समय पर भोजन तथा संतुलित आहार लेना चाहिए। महिलाओं में अधिकतर खून की कमी (एनीमिया) की समस्या होती है। इसके लिये उनको आयरन फॉलिक एसिड युक्त भोज्य पदार्थ जैसे-खैरी चना, गुड़, हरे साग-सब्जियां को अपने भोजन में शामिल करना चाहिये।
श्रीमती डॉ काकोली पटनायक ने बताया कि घरेलू महिलाओं के साथ-साथ कामकाजी महिलायें भी अपने खान-पान पर ध्यान नहीं दे पातीं। कामकाजी महिलाओं को भी काम के साथ-साथ समय निकालकर अपने खान-पान पर ध्यान देना चाहिये व संतुलित आहार लेना चाहिये। आज बेटियॉं भी बेटों की तरह अपने माता-पिता का ध्यान रख रही हैं। बेटियॉं भी अपने माता-पिता को मुखाग्नि दे रहे हैं। किन्तु कई माता-पिता बेटे की चाहत रखते हैं और गर्भ में ही लिंग परीक्षण कराकर कन्या होने पर भु्रण हत्या करवा रहे थे। इसको रोकने के लिये सभी सोनोग्राफी सेंटर को सीसीटीव्ही कैमरा के माध्यम से कलेक्ट्रेट से जोड़ दिया गया है। यदि कोई लिंग परीक्षण कराता है या किसी सोनोग्राफी सेंटर में लिंग परीक्षण किया जाता है तो उसकी जानकारी कलेक्ट्रेट में हो जाती है। लिंग परीक्षण कराने वालों को सात वर्ष तक की सजा एवं सोनोग्राफी सेंटर का लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है। बेटों और बेटियों में समानता के लिये न केवल बालिकाओं को जागरूक करना है बल्कि बालकों को भी जागरूक करना पड़ेगा। इसके लिये शारिरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना होगा। कार्यशाला में जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास रायगढ़ श्री टी.के.जाटवर, पर्यवेक्षक श्रीमती दीपा बघेल, श्रीमती बीना पुरसेठ, श्रीमती चेतना पटेल, श्रीमती रेखा सोनी एवं सरिता गुप्ता उपस्थित थे।