शिवमोग्गा। महिलाओं की हर क्षेत्र में भागीदारी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में कर्नाटक सरकार की ओर से एक पहल की गई है। कर्नाटक ग्रामीण विकास और पंचायत राज विभाग ने गुरुवार को एक बड़ा फैसला लिया। ग्राम पंचायत स्तर पर कचरा उठाने वाले वाहनों के ड्राइवर पद पर अब महिलाओं की नियुक्ति होगी।
समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत में ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री केएस इश्वरप्पा ने कहा, ‘आरडीपीआर विभाग द्वारा स्वच्छ संकीर्ण कार्यक्रम के तहत विशेष पहल की गई है, जिसमें कचरा उठाने वाले वाहनों को चलाने का काम महिलाओं को सौंपा गया है। जिला पंचायत के सीइओ द्वारा इन महिला वाहन चालकों की नियुक्ति होगी।
कहां और कितने होंगे वाहन
केएस इश्वरप्पा ने बताया की कर्नाटक में लगभग 6 हजार ग्राम पंचायत हैं, जिनमें से शिवमोग्गा, चित्रदुर्ग, हावेरी और रायचूर जिलों में शुरुआती चरण में करीब 30-30 वाहन चलाए जाएंगे।
महिला चालकों की नियुक्ति
कर्नाटक में कचरा उठाने वाले वाहनों के लिए ग्राम स्तर पर महिलाओं की नियुक्ति एक अच्छी और बड़ी पहल है, जिससे महिलाओं के भीतर यक़ीनन आत्मविश्वास की वृद्धि होगी। यह कदम आने वाले समय में और भी सकारात्मक साबित होगा, जब महिलाओं के लिए अन्य क्षेत्रों में और भी रास्ते खुलेंगे। महिलाओं की वाहन चालक के तौर पर भर्ती एक नई शुरुआत से कम नहीं है।
प्रधानमंत्री कर्नाटक में चाहते हैं छात्रवृत्ति योजना लागू हो
कर्नाटक सरकार जहां इस प्रकार की नई पहल की शुरुआत कर रही, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि कर्नाटक छात्रवृत्ति योजना सफलतापूर्वक लागू हो। कर्नाटक के सीएम बसवराज एस बोम्मई ने गुरुवार को बताया की पीएम मोदी ने राज्य सरकार में किसानों के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति योजना को लागू करने को कहा है। जिसे ना सिर्फ कर्नाटक में, बल्कि पुरे देश में लाया जा सके। इससे पहले राज्य सरकार द्वारा बेघर लोगों के लिए आवासी योजना के साथ-साथ नयी शिक्षा नीति के कार्यान्वयन (Implementation) भी किया जा चुका है।