पहली बार प्रदेश में बुलेट प्रूफ जैकेट और सैन्य हेलमेट बनेंगे, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में एमओयू किया

87.50 करोड़ रुपए का निवेश और 150 लोगों को रोजगार मिलेगा, डिफेंस से जुड़ा कोई उद्योग पहली बार प्रदेश में लगाया जाएगा

रायपुर। छत्तीसगढ़ में पहली बार भारतीय रक्षा से जुड़ा कोई उद्योग लगने जा रहा है। इसे लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में एक एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडर स्टैंडिंग) साइन किया। अब जल्द ही एटमास्टको लिमिटेड नाम की कंपनी राज्य में अपना प्लांट स्थापित करेगी। इस कारखाने में थल सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, राज्य सरकार के सशस्त्र बलों के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट बनाने का काम किया जाएगा। कंपनी इस प्रोजेक्ट में लगभग 87.50 करोड़ रुपए लगा रही है। 150 लोगों को यहां रोजगार भी मिलेगा।

1 लाख जैकेट और हेलमेट पहली बार में
मुख्यमंत्री निवास में साइन किए गए एमाओयू के वक्त उद्योग मंत्री कवासी लखमा भी मौजूद थे। रक्षा उत्पादों की यह इकाई छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के बिरेभांठ गांव में स्थापित की जाएगी। प्रथम चरण में यह औद्योगिक इकाई एक-एक लाख बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट का प्रोडक्शन करेगी। एमओयू में उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ और एटमास्टको लिमिटेड के एम.डी. एस स्वामीनाथन ने हस्ताक्षर किए। 35 साल पुरानी ये कंपनी हैवी फेब्रीकेशन के काम जैसे ब्रिज वगैरह बनाने के प्रोजेक्ट कर रही है।

डीआरडीओ भी करेगा मदद
उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव पिंगुआ ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति में रक्षा श्रेणी के उद्योगों को प्राथमिकता श्रेणी में रखा गया है। राज्य में तैयार होने वाली इस युनिट के लिए डीआरडीओ से टेक्नीकल मदद के लिए अनुबंध किया गया है। एटमास्टको लिमिटेड के एम.डी. एस स्वामीनाथन ने बताया कि इस इकाई में नवम्बर तक उत्पादन शुरू हो जाएगा। जिसका फायदा राज्य के नक्सल इलाकों में तैनात जवानों के अलावा देश की सीमा में खड़े जवानों को मिलेगा।


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