सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को नए साल का तोहफा दे सकती है। माना जा रहा है कि सरकार के फैसले के बाद नए साल में कर्मचारियों के खाते में बढ़ी हुई सैलरी आएगी। हालांकि अभी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन माना जा रहा है कि कर्मचारियों की नाराजगी को देखते हुए सरकार जल्द फैसला ले सकती है। भले ही केंद्रीय कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं कर पाई, लेकिन महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी कर उनकी नाराजगी को थोड़ा कम करती रही है।
केंद्रीय कर्मचारियों के प्रमोशन की स्थिति में मिलने वाले इन्क्रीमेंट को लेकर मोदी सरकार ने सारे भम्र दूर किए हैं। सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक अगर किसी कर्मचारी को 2 जनवरी से 30 जून के बीच प्रमोशन मिला है तो उसे 1 जनवरी से इंक्रीमेंट मिलेगा। मतलब साफ है कि इंक्रीमेंट की तारीख 1 जुलाई नहीं मानी जाएगी। यानी इंक्रीमेंट 6 महीने की सर्विस पूरी करने के बाद दिया जाएगा। एक्सपेंडिचर डिपार्टमेंट के मुताबिक अगर किसी कर्मचारी का प्रमोशन तय तारीख से पहले या बाद में होता है तो उसे 6 महीने की सर्विस पूरी करने के बाद ही इंक्रीमेंट मिलेगा। दरअसल सरकार कर्मचारियों को प्रमोशन की तारीख या इंक्रीमेंट की अगली तारीख चुनने के दो विकल्प देती है। इन्हीं विकल्पों के आधार पर ही उन्हें बाकी के फायदे मिलते हैं। पहले कर्मचारियों को 10, 20 और 30 साल की सर्विस पूरी होने पर प्रमोशन दे दिया जाता था, लेकिन अब इस नियम में बदलाव किया गया है। अब प्रमोशन प्रदर्शन पर आधार पर मिलता है।
केंद्रीय कर्मचारियों की मांग है कि सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों ने न्यूनतम सैलरी में बदलाव करें। कर्मचारियों की मांग है कि न्यूनतम सैलरी को 18000 रुपए से बढ़ाकर 26000 रुपए किया जाए। वहीं फिटमेंट फैक्टर बढ़ाया जाए। कर्मचारी फिटमेंट फैक्टर को 2.57 फीसदी से बढ़ाकर 3.68 फीसदी करने की मांग कर रहे हैं।