चरित्र शंका को लेकर नाबालिग पुत्र ने की थी मां की हत्या,  पुलिस को गुमराह करने दर्ज कराई मनगढ़ंत रिपोर्ट, छाल पुलिस ने हत्या की गुत्थी सुलझाई

रायगढ़। दिनांक 05.01.2020 को थाना छाल में चंद्रशेखरपुर “ऐडु” के ठाकुरदेव देवराज ट्रस्ट में अपने पति के साथ चौकीदारी करने वाली 40 वर्षीय महिला की किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा हत्या कर दिये जाने की रिपोर्ट मृतिका के नाबालिग पुत्र द्वारा दर्ज कराया गया था जिस पर मर्ग क्रमांक 01/2020 धारा 174 जाफौ तथा अज्ञात आरोपी के विरुद्ध अपराध क्रमांक 08/2020 धारा 302 भादंवि दर्ज कर विवेचना में लिया गया । गंभीर घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस अनुविभागीय अधिकारी खरसिया पहुंचे और विवेचक को घटना के संबंध में महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिये ।

मामले में मृतिका के पुत्र ने छाल पुलिस को बताया कि करीब 2 वर्ष से माता-पिता के साथ ठाकुरदेव देवराज ट्रस्ट चंद्रशेखरपुर “ऐडु” में रहकर चौकीदारी का काम कर रहे थे । इनका मूल निवास ग्राम गुर्दा थाना खरसिया है । बालक ने यह बताया कि दिनांक 04.01.2020 को पिताजी गांव (गुर्दा) चले गए थे । देवराज परिसर में मां के साथ झोपड़ी में रात्रि करीब 8:00 बजे खाना खाकर परिसर के बिल्डिंग में सोने चला गया मां वहीं झोपड़ी में आग तपा रही रही थी । दूसरे दिन 05.01.2020 को सुबह करीब 7:00 बजे उठा तो मां बिल्डिंग में सोने नहीं आयी थी । तब झोपड़ी में जोर देखा तो मां जमीन पर पेट के बल लेटी मरी पड़ी थी सिर में गड्ढा चोट का निशान था जिसकी किसी ने लोहे के सब्बल या परसूल या किसी अन्य वस्तु से हत्या की गई है ।

छाल पुलिस द्वारा नाबालिक के रिपोर्ट पर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर की हर सम्भवनाओं पर विवेचना की जा रही थी । चूंकि घटनास्थल जंगल नदी संगम के किनारे स्थित देवराज ट्रस्ट में बाहरी व्यक्ति के आने जाने की संभावना कम है तथा प्रारंभिक पूछताछ में प्रार्थी/बालक पुलिस को दिये अपना बयान बार-बार बदल रहा था जिससे उसके ऊपर शंका हुआ । बालक की दशा को देखते हुए पुलिस द्वारा मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ किया गया और अंततः बालक ने अपनी मां की हत्या करना स्वीकार करते हुए बताया कि रात्रि में जब वह दिशा मैदान से वापस सोने के लिए कमरे में जा रहा था । तभी उसने उसकी मां के झोपड़ी में मोबाइल टच की रोशनी देखी और झोपड़ी तरफ गया तो वहां से किसी व्यक्ति को झोपड़ी से निकलकर जंगल की तरफ भागते देखा और झोपड़ी में जाकर अपनी मां से पूछा तो उसकी मां नहीं बताई । पुत्र को अपनी मां के चरित्र पर पूर्व से शंका तथा पूर्व में भी वह इसी बात को लेकर आपत्ति किया था । मां का दूसरे व्यक्ति से अवैध संबंध होने से नाबालिक पुत्र आक्रोशित होकर मां को झोपड़ी में पड़े लकड़ी से सिर पर मार कर गिरा दिया फिर सब्बल एवं टंगिया से गर्दन पर संघातिक चोट पहुंचाकर वहीं छोड़ दिया और अपने कमरे में जाकर सो गया । सुबह झोपड़ी में आकर देखा तो उसकी मां मर चुकी थी । डर से नाबालिग बालक ने घटना में प्रयुक्त टंगिया को झोपड़ी के पीछे नदी संगम में फेंक दिया‌ और छाल पुलिस को अपने द्वारा रची मनगढ़ंत घटना की रिपोर्ट लिखाया । प्रकरण में अपचारी बालक द्वारा साक्ष्य नष्ट करना पाए जाने पर धारा 201 भादंवि विस्तारित की गई है तथा अपचारी बालक से हत्या में प्रयुक्त लकड़ी एवं लोहे का सब्बल जप्त कर अपचारी बालक (16.5 माह) को आज दिनांक 06.01.2020 को बाल किशोर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने भेजा गया है।


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