छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बोले- राज्य के अंदर आर्थिक गतिविधियां चलाने का हक प्रदेश सरकार को मिले

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ देश के सभी मुख्यमंत्री जुड़े वीडियो कांफ्रेंस की मदद से, राज्य ने केंद्र से मांगी 30 हजार करोड़ की आर्थिक सहायता, लॉकडाउन में छूट से पहले राज्यों से लें राय

रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की। उन्होंने कहा कि राज्य के अंदर आर्थिक गतिविधियों के संचालन के निर्णय का अधिकार राज्य सरकार को मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन के निर्धारण का दायित्व राज्य सरकारों को दिया जाना चाहिए। रेगुलर ट्रेन और हवाई सेवा, अंतर राज्यीय बस परिवहन की शुरुआत को लेकर भी राज्य सरकारों से बात की जाए। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य को 30 हजार करोड़ रुपए की सहायता दिए जाने का भी आग्रह किया।  एफसीआई द्वारा राज्य से 24 लाख मैट्रिक टन चावल लिया गया है, इसे बढ़ाकर 31.11 लाख मैट्रिक टन किए जाने की भी मांग उन्होंने रखी। केंद्र सरकार की तरफ से इन बातों पर विचार किए जाने की बात कही गई।

राज्य की स्थिति
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में वर्तमान में कोरोना के 6 एक्टिव मरीज हैं। राज्य में कुल 59 मरीज थे, जिसमें से 53 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके हैं। अब तक राज्य में 25 हजार 282 कोरोना वायरस टेस्ट किए जा चुके हैं। राज्य में 24 हजार 605 लोग को क्वारैंटाइन किया गया है। राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के मजदूरों को वापस लाने के लिए कुल 28 ट्रेनों की अनुमति मांगी थी। जिसमें से 15 की स्वीकृति मिली है। श्रमिकों, छात्रों, बीमार व्यक्तियों को अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ लाने का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन कर रही है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग 1 लाख 24 हजार मजदूर अन्य राज्यों में है, जब कि छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों के मजदूरों की संख्या लगभग 35 हजार है।

किसानों में बंटेंगे 5100 करोड़ 
सीएम ने बताया कि राज्य की 9 हजार 883 ग्राम पंचायतों में वर्तमान में 20 लाख से अधिक ग्रामीणों को उनके गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि किसानों की मदद के लिए राजीव गांधी न्याय योजना के अंतर्गत 5100 करोड़ रुपए की राशि का वितरण राज्य सरकार शुरू कर रही है। लघु वनोपजों  संग्रहण कर्ताओं को 28.07 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का भुगतान किया जा चुका है।  वन विभाग के विभिन्न योजनाओं में कुल 6 लाख 42 हजार 949 वनवासियों को रोजगार भी दिया गया है।


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