बिलासपुर 15 नवम्बर 2019। हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने लोक सेवा आयोग की तरफ से ली गयी सिविल जज परीक्षा को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने सिविल जज की परीक्षा को दोबारा कराने का भी आदेश दिया है।लेकिन इसका पूरा खर्च PSC को खुद ही उठाना होगा. इसके लिया अभ्यर्थी से किसी भी प्रकार की फीस नही ली जाएगी।
दरअसल परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर आपत्ति के बावजूद पीएससी की तरफ से परिणाम जारी कर दिया गया था। इसे लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गयी थी। याचिका में बताया गया था कि 70 फीसदी प्रश्न परीक्षा में गलत और त्रुटिपूर्ण पूछे गये थे। इस मामले में जब लोकसेवा आयोग ने माडल आंसर जारी किया तो उस दौरान भी अभ्यर्थियों ने आपत्तियां दर्ज करायी थी, बावजूद परीक्षा का परिणाम अपने ही तरीके से पीएससी की तरफ से जारी कर दिया गया।
इसे लेकर आधा दर्जन परीक्षार्थियों ने कोर्ट में याचिका दायर कर परीक्षा को निरस्त करने व परीक्षा की गलतियों को सुधारने का आग्रह किया था। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला सुनाया। साथ ही पीएससी को अपने ही व्यय पर परीक्षा दोबारा लेने का निर्देश दिय़ा। आपको बता दें कि 39 पदों के लिए परीक्षा ली गयी थी, जिसमें करीब साढ़े चार हजार परीक्षार्थी शामिल हुए थे।