संविधान ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया है-कलेक्टर श्री यशवंत कुमार, गणतंत्र दिवस का पर्व मनाया कलेक्टोरेट के अधिकारियों-कर्मचारियों ने

रायगढ़, 26 जनवरी 2020/ 71 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर कलेक्टर श्री यशवंत कुमार ने कलेक्टोरेट परिसर स्थित सृजन सभाकक्ष में कलेक्ट्रेट के अधिकारियों-कर्मचारियों से भेंट की और सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि मैं सबसे पहले हमारे देश के संविधान निर्माताओं को नमन करता हूँ, जिन्होंने विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान दिया है। डॉ भीमराव अम्बेडकर ने संविधान निर्माण में अतुलनीय योगदान दिया है। देश के सभी संविधान निर्माताओं के अथक परिश्रम व दूरदर्शिता से आज हम यह गणतंत्र दिवस मना पा रहे है। जम्मू कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हमारा देश विविधतापूर्ण है और यहां अनेकता में एकता है। देश को एकता के सूत्र में पिरोने का महत्वपूर्ण कार्य भारतीय संविधान ने किया है। संविधान ने हमें स्वतंत्रता, समानता व समरसता के मूल्यों में बांधा है, जहां किसी भी आधार पर भेदभाव, सम्प्रदायिकता, द्वेष का कोई स्थान नहीं है तथा ऐसी सोच रखना या व्यवहार करना संविधान की मूल भावनाओं के विपरीत है। इस गणतंत्र दिवस पर हम यह प्रण लें कि हम देश की एकता एवं अखंडता को सुनिश्चित करेंगेें, समानता की सोच रखेंगेे, एक समरसतापूर्ण समाज का निर्माण करेंगे।
अपर कलेक्टर श्री राजेन्द्र कटारा ने कहा कि हम सभी को संविधान निर्माण की भावना के अनुरूप कार्य करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय जनसामान्य के कार्यों को प्राथमिकता में रखे तथा अपने कार्य व व्यवहार से जितना बेहतर कर सकते हैं, अपना योगदान दें। नागरिकों की सहूलियत का हमेशा ध्यान रखें।
जिला पंचायत सीईओ सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने अपने भावों को अभिव्यक्त करते हुए कहा कि आज ही के दिन हमारा संविधान में अस्तित्व में आया। जिसकी प्रस्तावना में संविधान का मूलमंत्र लिखा हुआ है, जो हमें स्वतंत्रता, समानता, सामाजिक न्याय, समरसता की सीख देता है। यह सभी व्यवहारिक मूल्य है जिन्हें आत्मसात कर हम संविधान निर्माताओं की उम्मीद पर खरे उतर सकेंगे।
संयुक्त कलेक्टर एवं जिला परिवहन अधिकारी श्री सुमित अग्रवाल ने कहा कि संविधान द्वारा देश के नागरिक के रूप में हमें विभिन्न अधिकार मिले है तो कर्तव्यों के निर्वहन की जिम्मेदारी भी है। अधिकारों के साथ ही कर्तव्यों के निर्वहन का भी हमें पूरा ध्यान रखना चाहिए, तभी संवैधानिक मूल्यों पर आधारित देश व समाज का निर्माण संभव हो सकेगा।
इस दौरान अधिकारी-कर्मचारियों ने भी गीत व वक्तव्यों के माध्यम से अपनी बात रखी। श्री डीकाराम शेष ने अलग है भाषा, धर्म-प्रांत अलग है, लेकिन सब में अपना एक तिरंगा श्रेष्ठ है… गीत के माध्यम से संविधान के प्रस्तावना में सन्निहित आदर्शो का उल्लेख किया। डॉ.माधुरी त्रिपाठी ने संविधान निर्माता डॉ.भीमराव अम्बेडकर को स्मरण करते हुए कहा कि ऐसे कालजयी पुरुष को नमन जिन्होंने संविधान का निर्माण कर इबादत की है। स्वतंत्र भारत में स्वतंत्र नागरिक निवास करते हैं और हिंदुस्तान हमारा है, यह संविधान के माध्यम से बिगुल बजाकर उद्घोष किया। उन्होंने कर्तव्य बोध के साथ कर्मपथ पर निरंतर आगे बढऩे का आव्हान किया। उन्होंने हिन्दी देश के निवासी सभी जन एक है रंग-रूप वेश भाषा चाहे अनेक है…गीत के माध्यम से देश की एकता व अखण्डता को प्रस्तुत किया। इस अवसर पर जिला स्तरीय अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।


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