रायपुर. प्रदेश में कोरोना संकट गहराता चला जा रहा है। स्थिति यह है कि 14 मई के बाद से रोजाना ४३ की औसत से मरीज मिल रहे हैं। सोमवार को जारी हुई रिपोर्ट में कोरोना मरीजों की संख्या 1100 का आंकड़ा भी पार कर गई। रिपोर्ट में राजधानी रायपुर के मंदिर हसौद थाना में पदस्थ कोरोना पॉजिटिव आरक्षक के संपर्क में आया उनका बेटा और थाने के दो आरक्षक संक्रमित पाए गए हैं। स्पष्ट है कि वायरस अब एक से दूसरे, दूसरे से तीसरे में तेजी से फैल रहा है। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग इसे कोरोना फेज२ ही मान रहा है, कम्युनिटी स्प्रेड नहीं।
सोमवार को जारी हुई रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में 34 नए संक्रमित मरीज मिले। अब कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 1107 पहुंच चुकी है। जिनमें सवाधिक आठ मरीज रायपुर शहर के हैं, जिनमें उत्तरप्रदेश से लौटा पत्रकार का बेटा संक्रमित पाया गया है। इनके अलावा एक छह साल और चार साल का बच्चा की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है।
मरीजों की बढ़ती संख्या दिन-व-दिन राज्य सरकार और राज्य स्वास्थ्य विभाग की परेशानियों को बढ़ रही हैं, क्योंकि रोकथाक के विकल्प नहीं सूझ रहे। एक सच्चाई यह भी है कि सिर्फ जांच और संक्रमित मरीजों को भर्ती करवाकर संक्रमण को रोक पाना संभव नहीं। इसके लिए व्यापक जागरूकता जरूरी है।
कोरोना का सॉफ्ट टॉरगेट बन रहे पुलिसकर्मी
कोरोना वॉरियर्स हमारे पुलिसकर्मी अब कोरोना का सॉफ्ट टॉरगेट बन रहे हैं। क्योंकि इनकी हर जगह भूमिका है। सड़क से लेकर थाने, बाजार से लेकर क्वारंटाइन सेंटर, पॉजिटिव मरीज के मिलने से लेकर कंटेन्मेंट जोन तक इनकी तैनाती है। ऐसी स्थिति में ये कोरोना के सबसे सॉफ्ट टॉरेगट बन गए हैं। मंदिर हसौद थाना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। जहां एक पुलिसकर्मी संक्रमित हुआ, वह अस्पताल में भर्ती था। उसे कोरोना कहां से मिला, अभी सोर्स का पता नहीं चल सका है। फिर थाने पहुंचा, अपने साथियों से मिला। जबकि उसे थाना आने की आवश्यकता ही नहीं थी।
अब इन तीन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी
पहला- अगर आप दूसरे राज्य से लौटे हैं, तो होम क्वारंटाइन के नियमों का पालन करें। 14 दिन घर से न ही निकलें,न किसी के संपर्क में आएं।
दूसरा- अगर आपने सैंपल दिया है, तो बहुत सावधानी बरतें। खुद को तब तक होम आईसोलेट करके रखें जब तक रिपोर्ट नहीं आ जाती। क्योंकि अभी रिपोर्ट आने में समय लग रहा है। अगर, आप परिजनों के संपर्क में आते हैं। बाहर घूमते हैं तो दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं। ऐसे कई मामले सामने आए हैं। अपनी जिम्मेदारी निभाएं।
तीसरा- आपके आस-पड़ोस में अगर कोई बाहर से आकर रह रहा है। तो 104 पर जानकारी दें। स्वास्थ्य विभाग से कोई भी जानकारी न छिपाएं।
पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट से पैदा हो रहा भ्रम-
प्रदेश में चार प्रमुख लैब में कोरोना की जांच हो रही है। मगर, अभी रिपोर्ट तैयार करने में गड़बड़ी हो रही है। कई मरीजों के रिपीट सैंपल लग रहे हैं। दो-दो रिपोर्ट तैयार हो जा रही हैं। जिलों से राज्य के आंकड़ों में अंतर आ रहा है। स्थिति यह है कि लैब से सीधे जिला कलेक्टर और जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को रिपोर्ट भेजी जा रही है। जबकि स्वास्थ्य विभाग को अपडेट होने में समय लग रहा है। ऐसे में आंकड़ों भ्रम पैदा कर रहे हैं।
श्रमिकों के अलावा जो लोग अपने निजी वाहनों से दूसरे राज्यों से लौट रहे हैं, उनमें भी संक्रमित मिल रहे हैं। दूसरे राज्यों से आने वाले होम क्वारंटाइन के नियमों का पालन करें।
डॉ. अखिलेश त्रिपाठी, उप संचालक एवं प्रवक्ता, स्वास्थ्य विभाग