महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महासमुंद में एक हाथी की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। ग्रामीण सुबह पहुंचे तो हाथी का शव मूंगफली के खेत में पड़ा हुआ था। इसके बाद वन विभाग को सूचना दी गई। हाथी की मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। डीएफओ मयंक पांडेय ने बताया कि वन विभाग के कर्मचारी मौके पर भेजे गए हैं।
जिला मुख्यालय से महज 8 किमी दूर है हाथियों का दल
जिला मुख्यालय से महज 8 किमी दूर हाथियों का दल देखा गया है। पिथौरा क्षेत्र में ही शुक्रवार सुबह बेलटुकरी और साराडीह गांव में हाथी सड़क पर आ गए और ग्रामीणों और बच्चों को दौड़ा लिया था। हाथी ने एक बच्चे को सूंड़ से उठाकर फेंका, वहीं दूसरे को कुचलने का प्रयास किया। दोनों बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
ओडिशा की ओर से पहुंचा है हाथियों का दल
वन विभाग के मुताबिक, ओडिशा से चार हाथियों का दल सूखीपाली पहुंचा है। वहां से बुधवार रात पिथौरा वन क्षेत्र पहुंच गया। ग्रामीणों की सूचना मिलने पर आसपास के गांवों में हाथियों से सचेत रहने के लिए मुनादी कराई गई है। लोगों को जंगल की ओर जाने से मना किया गया है। वहीं हाथियों पर नजर रखने के लिए पेट्रोलिंग की जा रही है।
चार माह में 11 हाथियों की हो चुकी है मौत
छत्तीसगढ़ में हाथियों की मौत का सिलसिला फिर शुरू हो गया है। महज चार माह में 11 हाथियों की मौत हो चुकी है। मंगलवार को धरमजयगढ़ के मेंढरमार में करंट लगने से हाथी की मौत हुई थी। इसमें पिता-पुत्र सुधुसाय उरांव और धरम साय उरांव को गिरफ्तार किया गया। इस संबंध में पीसीसीएफ ने रिपोर्ट मांगी है। साथ ही लटके तारों को भी हटाने के लिए कहा है।
जून में ही 6 हाथियों ने दम तोड़ा
- 26 सितंबर : महासमुंद के पिथौरा में संदिग्ध हालत में हाथी की मौत
- 23 सितंबर : रायगढ़ में धरमजयगढ़ के मेंढरमार में करंट लगने से हाथी की मौत
- 16 अगस्त : सूरजपुर में जहरीला पदार्थ खाने से नर हाथी की मौत
- 24 जुलाई : जशपुर में करंट लगाकर नर हाथी को मारा गया
- 9 जुलाई : कोरबा में 8 साल के नर हाथी की इलाज के दौरान मौत
- 18 जून : रायगढ़ के धरमजयगढ़ में करंट से हाथी की मौत
- 16 जून : रायगढ़ के धरमजयगढ़ में करंट से हाथी की मौत
- 15 जून : धमतरी में माडमसिल्ली के जंगल में कीचड़ में फंसने से हाथी के बच्चे ने दम तोड़ा।
- 11 जून : बलरामपुर के अतौरी में मादा हाथी की मौत हुई थी
- 9 व 10 जून : सूरजपुर के प्रतापपुर में एक गर्भवती हथिनी सहित 2 मादा हाथियों की मौत हुई।