दो साल की सेवा पूरी कर चुके शिक्षाकर्मियों को संविलियन मिलेगा, डेढ़ की बजाए अब दो रु. प्रति किलो की दर से गोबर खरीदेगी सरकार

रायपुर के मुख्यमंत्री निवास में हुई कैबिनेट मीटिंग के दौरान बड़े फैसले, अनुकंपा नियुक्ति, जमीन के पट्‌टे, सीजीपीएससी से जुड़े कई अहम निर्णय

रायपुर. प्रदेश के शिक्षाकर्मियों को जिस वक्त का इंतजार था- आखिरकार वो आ ही गया। राज्य सरकार ने इस वर्ग के संविलियन करने का फैसला ले लिया। मंगलवार को कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया कि दो साल और इससे अधिक की सेवा अवधि पूरी करने वाले पंचायत और नगरीय निकाय संवर्ग के शिक्षकों का संविलियन एक नवंबर 2020 से स्कूल शिक्षा विभाग में किया जाएगा। करीब 16 हजार 278 शिक्षकों को इसका फायदा मिलेगा।

रायपुुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में हुई बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत सभी कैबिनेट मंत्री मौजूद थे। सरकार ने फैसला लिया है कि अब पशुपालकों से 1.50 रूपए प्रति किलो की दर से लिया जाना वाला गोबर 2 रुपए प्रति किलो की दर से लिया जाएगा। परिवहन व्यय को ध्यान में रखकर दर में बदलाव किया गया है। इस योजना से बनने वाली वर्मी कम्पोस्ट (खाद) को 8 रूपए प्रति किलोग्राम की दर से बेचा जाएगा।

कैबिनेट बैठक में अन्य फैसले 

  • अनुकम्पा नियुक्ति को लेकर फैसला लिया गया है कि अगर भाई/बहन अवयस्क हो तो, अविवाहित दिवंगत शासकीय कर्मचारी के माता/पिता से अंतरिम आवेदन पत्र प्राप्त कर अवयस्क सदस्य (भाई/बहन) के वयस्क होने पर उसे उसकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर तृतीय/चतुर्थ श्रेणी के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी।
  • यात्री बसों के जून के मासिक टैक्स में छूट प्रदान करने और दो माह तक की अवधि  के लिए वाहन या लायसेंस उपयोग ना होने पर अग्रिम देय मासिक कर जमा करने संबंधी प्रावधान को अस्थाई रूप से शिथिल करने का निर्णय लिया गया।
  • नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि के आबंटन, अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन, गैर रियायती और रियायती दरों पर आबंटित नजूल पट्टों को भूमि स्वामी अधिकार में परिवर्तन विलेखों में स्टाम्प शुल्क/पंजीयन शुल्क में छूट देने का निर्णय लिया गया। स्टाम्प शुल्क 5 प्रतिशत और उपकर को अधिकतम 2 हजार रूपए निर्धारित किया गया। आबंटन/व्यवस्थापन और भूमि स्वामी अधिकार में परिवर्तन पर देय स्टाम्प शुल्क पर एक प्रतिशत अतिरिक्त (नगरीय निकाय) शुल्क को पूरी तरह माफ किया गया। ये छूट 31 मार्च 2021 तक लागू रहेंगी।
  • छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जारी राशनकार्डों (एपीएल को छोड़कर) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के राशनकार्ड के समान ही 5 किलोग्राम चावल प्रति व्यक्ति प्रतिमाह और 1 किलो चना प्रति कार्ड हर महीने जुलाई 2020 से नवंबर 2020 तक मुफ्त दिया जाएगा।
  • राज्य के सीधी भर्ती के सभी पदों पर 3 वर्ष की परिवीक्षा अवधि में नियुक्त किए जाने का निर्णय लिया गया। इन्द्रावती नदी घाटी के अंतर्गत आने वाले भू-भाग के  विकास के लिए ‘‘इन्द्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण‘‘ के गठन का निर्णय लिया गया।
  • वन विभाग में निर्माण संबंधित कार्य खुली निविदा द्वारा ठेका पद्धति से कराने का निर्णय लिया गया। महाधिवक्ता कार्यालय बिलासपुर में अतिरिक्त महाधिवक्ता के 2 नए पद होंगे। छत्तीसगढ़ राज्य विधि आयोग को बंद किया जाएगा। इसके कुल 6 कर्मचारियों को राज्य के विधि और विधायी कार्य विभाग मंत्रालय में संविदा पर रखा जाएगा।
  • छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सेवा (वर्गीकरण, भर्ती तथा सेवा की शर्ते) नियम, 1975 में संशोधन के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। सामाजिक रूप से बहिष्कृत एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित लोगों के संरक्षण विषय को समाज कल्याण विभाग को आबंटन का अनुमोदन किया गया।
  • डाॅ.आलोक शुक्ला (रिटायर्ड आईएएस) को प्रमुख सचिव के रिक्त असंवर्गीय पद पर तीन साल के लिए संविदा नियुक्तिी। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सेवा की शर्तें) विनियम, 2001 में संशोधन के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। राज्य शासन द्वारा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश या सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश को भाड़ा नियंत्रण अधिकरण का अध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा।
  •  75 लाख रूपए बाजार मूल्य तक के आवासीय मकानों और फ्लैट्स को बेचने पर  वर्तमान में लागू पंजीयन शुल्क (संपत्ति के गाइडलाइन मूल्य का 4 प्रतिशत) में 2 प्रतिशत की छूट 31 मार्च 2021 तक दी गई।
  • संस्कृति विभाग के अंतर्गत संचालित सभी इकाइयों को एकरूप करने ‘‘छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद‘‘ का गठन। मुख्यमंत्री इस परिषद के अध्यक्ष और संस्कृति मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। इसके अलावा राज्य के साहित्य और कला जगत से संबंधित व्यक्ति, छत्तीसगढ़ विधानसभा के निर्वाचित सदस्य, भारतीय संसद में छत्तीसगढ़ से निर्वाचित सदस्य, अशासकीय सदस्यों (प्रभागों के निदेशक और अध्यक्ष) का मनोनयन शासन करेगा।
  • राज्य की औद्योगिक निधि 2019-24 में राज्य में बायो-एथेनाल बनाने की युनिट की पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में स्थापना को विशेष प्रोत्साहन पैकेज में अनुमति दिए जाने का निर्णय लिया गया। छत्तीसगढ़ स्टेट इंडस्ट्रीयल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमि. (सीएसआईडीसी) द्वारा औद्योगिक प्रयोजन हेतु आपसी सहमति से निजी भूमि क्रय की नीति का अनुमोदन किया गया।

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