रायगढ़,9 अक्टूबर2021,कलेक्टर श्री भीम सिंह के निर्देशानुसार एवं सीईओ जिला पंचायत डॉ.रवि मित्तल के मार्गदर्शन में जिले में संचालित स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की कक्षा ग्यारहवीं एवं बारहवीं के छात्र-छात्राओं के लिए आज शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें जिले में संचालित स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल के छात्र-छात्राओं ने शैक्षणिक भ्रमण के दौरान जिंदल स्टील प्लांट रायगढ़, ओपी जिंदल स्कूल रायगढ़, एनटीपीसी लारा, स्वामी नारायण स्कूल लारा, मोनेट स्टील प्लांट नहरपाली, मोनेट डीएवी स्कूल, मेडिकल कॉलेज रायगढ़, कलेक्टोरेट परिसर रायगढ़, एमएसपी प्लांट, ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी तराईमाल, ओपी जिंदल स्कूल तराईमाल सहित अन्य स्थलों का भ्रमण किया।
उक्त शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम में रायगढ़ के 120 व 40, पुसौर 42, बरमकेला 50, सारंगढ़ 73, खरसिया 81, धरमजयगढ़ 32, घरघोड़ा 33, लैलूंगा 36, तमनार से 13 छात्र-छात्राओं सहित 29 शिक्षको ने विभाग द्वारा चिन्हित विभिन्न स्थलों का भ्रमण कर इन स्थलों से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त की। शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम में सभी विद्यार्थियों हेतु वाहन की व्यवस्था की गई थी तथा सभी विद्यार्थीगण भ्रमण कार्यक्रम में शाला गणवेश तथा आईडी सहित उपस्थित रहे। विभिन्न व्यवस्था हेतु शिक्षा विभाग से श्री डी.पी.पटेल सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी रायगढ़, श्री अनिल कुमार साहू सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी रायगढ़, श्री संजय पटेल सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी धर्मजयगढ़, श्री मनीष सिन्हा सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी पुसौर, श्री उत्तरा सिद्धार्थ सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी तमनार नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए थे। औद्योगिक क्षेत्र के अवलोकन से छात्र-छात्राओं ने जाना कि आगामी जीवन में रोजगार के अवसर, विज्ञान के क्षेत्र में उन्नति तथा उत्पादन कैसे किया जाता है। साथ ही उन्होंने सभी उपक्रम के अंतर्गत संचालित शालाओं का अवलोकन किया तथा वहां के शिक्षकों और बच्चों से संपर्क किया। इससे पढ़ाई के क्षेत्र में आपसी सहयोग प्राप्त होता है। शैक्षणिक भ्रमण के दौरान स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल के विद्यार्थियों ने गौठान का भी भ्रमण किया। जिसमें नरवा, गरवा घुरवा, बाड़ी कार्यक्रम से भी परिचित हुए और जाना कि नरवा, गरुवा, घुरवा, बारी योजना क्या है, इससे नदी नाले कैसे रिचार्ज होते हैं, गौठान में पशुओं के लिए चारा पानी की व्यवस्था कैसे होती है, इससे दुग्ध उत्पादन को कैसे बढ़ावा मिलता है तथा पशुओं के गौठान में रहने से फसल चराई और सड़क दुर्घटना जैसे समस्याओं से निजात सहित पर्यावरण संरक्षण और ग्लोबल वार्मिंग को रोकने में यह योजना कैसे सहायक होती है।
जिला शिक्षा अधिकारी श्री आर.पी.आदित्य ने कहा कि ऐसे शैक्षणिक भ्रमण पर छात्र-छात्राएं विविध भ्रमण स्थलों के खुले वातावरण में अपने व्यक्तिगत अनुभव से नवीन ज्ञान व अनुभव प्राप्त करते हैं जिससे उनमें एक अनुभूति जागृत होती है। इससे वे हमारे शहर प्रदेश और देश की विभिन्नताओं जैसे इतिहास, विज्ञान, उद्योग, शिष्टाचार और प्रकृति को व्यक्तिगत रुप से जान पाते हैं। साथ ही उनमें समूह में रहने की प्रवृत्ति, नेतृत्व क्षमता,आत्मविश्वास एवं भाईचारे की भावना प्रबल होती है। उनका दृष्टिकोण विस्तृत होता है। विविध प्रकार के अनुभव पाकर वे घटनाओं और वस्तुओं को नई दिशा से देखना सीख जाते हैं। इससे मूल्यों के प्रति उनका सही दृष्टिकोण विकसित होता है।