पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव छत्तीसगढ़ भाजपा के नए अध्यक्ष, दिल्ली में राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने किया नाम का ऐलान

  • प्रदेश पार्टी नेताओं से चर्चा के बाद संगठन में बनी सहमति, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा की अनुमति से नाम की घोषणा
  • संगठन और रमन सिंह के करीबी माने जाते हैं विष्णुदेव साय, नियुक्ति आगामी विधानसभा चुनाव तक के लिए होगी

रायपुर. पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ भाजपा का नया चेहरे होंगे। पार्टी नेताओं से चर्चा के बाद मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष पद पर उनके नाम की मुहर लगा दी गई। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा की सहमति के बाद दिल्ली में राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने उनके नाम का ऐलान किया है। पूर्व सांसद साय को केंद्रीय संगठन और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का करीबी माना जाता है। उनकी नियुक्ति अगले विधानसभा चुनावों तक के लिए की गई है। दैनिक भास्कर ने इस बारे में 6 घंटे पहले ही बता दिया था।

पहले भी प्रदेश अध्यक्ष की संभाल चुके हैं जिम्मेदारी
साय पहले भी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। यह उनका तीसरा कार्यकाल होगा। इससे पहले 2006 से 2009 और फिर 2013 तक पार्टी की कमान उनके हाथ में रही। 1999 से 2014 तक रायगढ़ से सांसद रहे। मोदी-1.0 में केंद्र में मंत्री बनाए जाने के बाद उन्होंने संगठन पद से इस्तीफा दे दिया था। साय को संगठन के साथ ही आरएसएस का भी करीबी माना जाता है।

आदिवासी अध्यक्ष बनाने पर बनी सहमति
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसी आदिवासी नेता को भी सौंपे जाने की संभावनाएं शुरू से ज्यादा थीं। इसके पीछे तर्क यह है कि नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी ओबीसी वर्ग को दी गई है। वहीं, कांग्रेस ने प्रदेश संगठन की जिम्मेदारी एसटी को सौंपी है। राज्य में अब तक ज्यादातर ऐसा ही होता आया है कि दोनों दलों का नेतृत्व एक ही वर्ग के पास रहा है। इससे पहले दोनों दलों की कमान ओबीसी के पास थी।

टिकट कटने की बारी आई, तो सबसे पहले अपना नाम रखा
पिछले लोकसभा चुनाव में जब प्रदेश के निवर्तमान सांसदों के टिकट काटे जाने को लेकर चर्चाएं शुरू हुईं तो सबसे पहले विष्णु देव साय ने अपना नाम रखा और चुनाव न लड़ने की सहमति जताई थी। उनके इस कदम का केंद्रीय नेतृत्व पर सार्थक प्रभाव पड़ा था। इससे पहले पिछले लोकसभा चुनाव के समय तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने धरमलाल कौशिक को हटाकर विक्रम उसेंडी काे अध्यक्ष बनाया था।

किसान परिवार से केंद्रीय मंत्री तक 

जशपुर जिले के कांसाबेल तहसील के एक छोटे से गांव बगिया में एक किसान परिवार से निकल कर विष्णुदेव साय ने केंद्रीय मंत्री तक का सफर तय किया। रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से साय 20 साल तक सांसद रहे। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश से भाजपा के 10 सांसद लोकसभा पहुंचे थे। इनमें से कुछ विष्णुदेव साय से भी वरिष्ठ थे, पर एनडीए सरकार में इनको जगह मिली। विष्णुदेव साय तपकरा विधानसभा क्षेत्र से अविभाजित मध्यप्रदेश में दो बार विधायक रह चुके हैं।

एक साल का कार्यकाल संतोषजनक नहीं
उसेंडी को प्रदेश की जिम्मेदारी देने के बाद लोकसभा चुनाव परिणाम तो अच्छा रहा, लेकिन शहरी निकाय और पंचायतों में भाजपा का प्रदर्शन बेहद कमजोर साबित हुआ। 10 निगमों में महापौर-सभापति नहीं बन सके। इसी तरह 27 में से 20 जिलों में भाजपा जिला पंचायतों में अध्यक्ष नहीं बना सकी। रायपुर में तो बहुमत होने के बावजूद जिला पंचायत अध्यक्ष के उम्मीदवार को सिर्फ 4 वोट मिले, जबकि सदस्य 9 थे। वहीं संगठन में भी कार्यकारिणी का एक गठन नहीं कर पाए थे।


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