पेट्रोल-डीजल से लेकर मोबाइल तक महंगे, देश में दिखने लगा है कोरोना का साइड इफेक्ट, आने वाले दिनों में दूसरे समानों की कीमतों में भी हो सकता है इजाफा

रायपुर 14 फरवरी 2020। कोरोना के साइड इफेक्ट को लेकर एक बुरी खबर आ रही है। देश के लोगों पर महंगाई की मार पड़नी शुरू हो गयी है। शनिवार को हुए केंद्र सरकार के फैसले के बाद पेट्रोल-डीजल से लेकर मोबाइल फोन तक महंगे हो गये हैं। अर्थशास्त्रियों के मुताबिक हालात नहीं सुधरे से भारतीय अर्थव्यवस्था महंगाई की मार से बुरी तरह कराह सकते हैं। मोबाइल फोन पर टैक्‍स में 6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.जाहिर सी बात है कि मोबाइल फोन खरीदना पहले के मुकाबले अब महंगा हो जाएगा. ये नई दरें 1 अप्रैल 2020 से प्रभावी होंगी.

वहीं पेट्रोल पर विशेष उत्पाद शुल्क 2 रुपये बढ़ाकर 8 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। वहीं, डीजल पर यह शुल्क दो रुपये बढ़कर अब चार रुपये प्रति लीटर हो गया है. इसके अलावा पेट्रोल और डीजल पर लगने वाला रोड सेस भी एक-एक रुपये प्रति लीटर बढ़ाकर 10 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है.

अभी मोबाइल फोन पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है, जबकि इनपुट की दर 18 प्रतिशत है। अधिकारी ने 12 मार्च को कहा था, ”मोबाइल फोन को 12 प्रतिशत जीएसटी दर के दायरे में बनाये रखने के पीछे शायद ही कोई तार्किक कारण हो, क्योंकि टीवी, टॉर्च, गीजर, आइरन, हीटर, मिक्सर, जूसर आदि जैसे कई सामानों पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लग रहा है।”

जीएसटी काउंसिल बैठक की अहम बातें:

1. इन्फोसिस से जीएसटी नेटवर्क के प्रबंध में अधिक कुशल कर्मचारियों को लगाने, हार्डवेयर की क्षमता बढ़ाने को कहा गया है।
2. जुलाई, 2020 तक इन्फोसिस को एक बेहतर जीएसटीएन प्रणाली सुनिश्चित करनी होगी।
3. मोबाइल फोन, विशेष कलपुर्जों पर जीएसटी की दर 12 से बढ़ाकर 18 प्रतिशत की गई।
4. जीएसटी भुगतान में देरी पर एक जुलाई से शुद्ध कर देनदारी पर ब्याज लगेगा।
5. विमानों की रखरखाव, मरम्मत, ओवरहॉल (एमआरओ) सेवाओं पर जीएसटी की दर 18 से घटाकर 5 प्रतिशत की गई।
6. हस्त निर्मित, मशीन से बनी माचिस पर जीएसटी की दर को तर्कसंगत बनाकर 12 प्रतिशत किया गया।
7. दो करोड़ रुपए से कम कारोबार वाली इकाइयों को वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 के लिए वार्षिक रिटर्न भरने में देरी पर विलम्ब-शुल्क माफ।


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