आध्यात्मिक गुरु के ठिकानों से मिला 500 करोड़ का काला धन, अध्यात्म से पहले LIC में थे क्लर्क, 40 ठिकानों पर IT का छापा…हीरे-सोने के जेवरात सहित कई अघोषित संपत्ति

हैदराबाद 22 अक्टूबर 2019। खुद को विष्णु का अवतार कहने वाले और कल्कि भगवान के नाम से मशहूर विजय कुमार के अलग-अलग आश्रमों पर आयकर का छापा पड़ा है. इस छापेमारी में करीब 500 करोड़ की संपत्ति जब्त हुई है. बताया जा रहा है कि आयकर विभाग को खुफिया जानकारी मिली थी कि कल्कि महाराज की संस्था अपनी कमाई को छिपा रही है.

कल्कि महाराज के तीन प्रदेशों के कुल 40 ठिकानों पर आयकर विभाग के 300 अधिकारियों ने छापे मारे. कल्कि महाराज का साम्राज्य आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु से लेकर विदेशों तक फैला है. कल्कि भगवान’ उर्फ विजय कुमार 70 साल का है और ये खुद को भगवान विष्णु का 10वां अवतार बताता है. इसके आश्रम को खुद कल्कि महाराज, उसकी पत्नी और उसका बेटा एनकेवी कृष्णा चलाता है.

आयकर विभाग की जांच में पता चला कि इस आश्रम के खातों में अनियमितता तो थी ही इसके पास बेहिसाब संपत्ति का भी खजाना था. रिपोर्ट के मुताबिक, आयकर विभाग ने 18 करोड़ रुपये के अमेरिकी डॉलर, 88 किलो सोने के जेवरात, जिसकी कीमत 26 करोड़ रुपये आंकी गई है, 1271 कैरेट हीरा, जिसका मूल्य 5 करोड़ रुपये है, जब्त किया है. अगर ‘कल्कि भगवान’ के ठिकानों से मिले कुल अघोषित संपत्ति को जोड़ दिया जाए तो ये आंकड़ा 500 करोड़ रुपए को पार कर जाता है.

खुद को ‘कल्क‍ि भगवान’ बताने वाले विजय कुमार नायडू के आश्रमों पर इनकम टैक्स ड‍िपार्टमेंट की रेड में 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति का पता चला है. बता दें कि आयकर विभाग ने इस संस्था के 40 ठिकानों पर छापा मारी की थी.

चेन्नई, बेंगलुरु और आंध्र प्रदेश के चित्तूर के साथ-साथ 40 अन्य जगहों पर की गई छापेमारी में आयकर विभाग ने 43.9 करोड़ रुपये, 25 लाख डॉलर और 1271 कैरेट (कीमत लगभग पांच करोड़ रुपये) हीरा बरामद किया गया है. अधिकारियों के मुताबिक, 500 करोड़ रुपये की अघोषित आय की जानकारी भी सामने आई है.

आयकर की जांच में सामने आया है कि इस संस्था का कारोबार देश के अलावा विदेशों में भी फैला हुआ है. इस संस्था ने विदेशों में पैसा लगाया है. इसके अलावा आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में भी इस संस्था ने जमीनें खरीदी है. इस संस्था से जुड़ने वाले में कई विदेशी भी शामिल हैं.

छापेमारी में सामने आया है कि अध्यात्म और दर्शन का ट्रेनिंग प्रोग्राम और कोर्स चलाने वाले यह संस्थान देश और विदेश में भी निवेश कर चुका है. कई कंपनियां चीन, अमेरिका, सिंगापुर और यूएई में भी हैं. इन्हें भारत में होने वाले वेलनेस कोर्सेज के लिए विदेशों से भी पैसे मिलते हैं. आयकर विभाग की ओर से बताया गया कि इस ग्रुप द्वारा टैक्स योग्य आय को डायवर्ट करने की जांच की जा रही है.

साल 1980 में लोगों को वैकल्पिक शिक्षा मुहैया कराने के लिए कल्कि महाराज ने जीवाश्रम नाम की संस्था बनाई. इसने देश-विदेश में रियल एस्टेट, निर्माण, खेल जैसे क्षेत्रों में भी अपनी किस्मत आजमाई. इतना ही नहीं इसके आश्रमों में ट्रस्ट और कंपनियों की तरफ से वेलनेस भी कोर्स चलाए जाते हैं. वेलनेस कोर्स विदेशियों को आकर्षित करते हैं. जिससे बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा हासिल की गई. विजय कुमार उर्फ कल्कि महाराज अध्यात्म से पहले एलआईसी में क्लर्क था.


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