सरकारी दफ्तर खुले, शराब दुकानाें पर सुबह 5 बजे से लाइन लगी; प्रदेश लौटने वाले श्रमिकों का रेलवे को किराया देगी सरकार

रेड और ऑरेंज जोन कोरबा को छोड़कर बाकी जिलों में जनजीवन सामान्य, कंटेनमेंट जोन में सब बंद, दुर्ग में 8 और कवर्धा में 6 कोरोना संक्रमित रात में ही मिले, दोनाें जिलों में धारा-144 बढ़ाई गई

रायपुर दैनिक भास्कर. लॉकडाउन का फेज-3 शुरू होने के साथ ही साेमवार को ढील बढ़ा दी गई है। हालांकि, पहले ही दिन प्रदेश में सूरजुपर के साथ दुर्ग और कवर्धा के रेड जोन में जाने की आशंका बढ़ गई है। रेड और ऑरेंज जोन कोरबा को छोड़कर अन्य जिलों में जनजीवन सामान्य रहेगा। प्रदेश में कंटेनमेंट जोन को छोड़कर सभी जगह सरकारी दफ्तर और शराब की दुकानें खुल रही हैं। यहां जगह-जगह शराब दुकानों पर सुबह 5 बजे से लाइन लगी देखी गई।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐलान किया है कि सरकार प्रदेश लौटने वाले श्रमिकों का रेलवे को किराया देगी। कहा- श्रमिकों को लाने वाली स्पेशल ट्रेन में जो भी राशि व्यय होगी, उसे सरकार वहन करेगी। कांग्रेस और सरकार संकट के समय में किसी को अकेला नहीं छोड़ सकती। हम सब एकजुट हैं। प्रतिबद्ध हैं। उधर, बिलासपुर में जिला प्रशासन ने सैलून, पान ठेले और स्पा सेंटर को भी खोलने की अनुमति दी है।

रेड जोन : रायपुर  ऑरेंज जोन :  कोरबा ग्रीन जोन : प्रदेश के बाकी 26 जिले
(सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक) : मेडिकल स्टोर, मेडिकल उपकरण और उनके रिपेयरिंग संस्थान, सभी अस्पताल और लैब, खाद, बीज और कृषि संबंधित सभी दुकानें, अनाज और सब्जी मंडी, आटा, तेल, राइस और दाल मिल, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसियां, पंचर दुकानें, पशुओं का चारा, पालतू पशुओं के फूड स्टोर, बेकरी की दुकानें (लेकिन केवल होम डिलिवरी कर पाएंगे); सीमेंट, सरिया की दुकानें, प्लबंर, इलेक्ट्रिशियन, मोटर मैकेनिक, आईटी स्पेयर का काम करने वाले व्यक्ति चारपहिया वाहन में तीन लोग, दोपहिया वाहन में दो व्यक्ति यात्रा कर सकेंगे। सोशल डिस्टेंसिंग पर आधारित सभी बंदिशें लागू रहेंगी। चारपहिया वाहन में तीन लोग, दोपहिया वाहन में दो व्यक्ति यात्रा कर सकेंगे। टू-व्हीलर पर दो सवारी को छूट। बिना अनुमति कार्यक्रम नहीं होंगे। अनुमति सीमित लोगों की रहेगी। हर तरह की गतिविधि में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी होगा।
(सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक) : सब्जी और फल दुकान, चश्मे, किराना, अनाज और उससे संबंधित पैकेजिंग स्टोर, डेयरी, दूध, पनीर और केवल दूध से बनने वाली मिठाइयों की दुकानें, चिकन, मटन, मछली और अंडा दुकानें; स्टेशनरी शॉप
बैंक-एटीएम; वॉटर सप्लाई (केन वाले); निगम सीमा के बाहर स्थित गोदाम और वेयर हाउस; हाईवे में स्थित ढाबे (चिह्नित ग्रामीण इलाकों में); प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, बीमा से संबंधित सभी संस्थाएं, गैर बैंकिंग, वित्तीय।
शराब दुकानें ही शाम 7 बजे बंद होगी।
धारा-144 रायपुर और दुर्ग में 17 मई तक धारा 144 बढ़ा दी गई है।
ये तीनों जोन में बंद ही रहेंगे स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान, होटल, रेस्टोरेंट्स, सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, जिम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, स्वीमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, थिएटर, बार, ऑडिटोरियम, राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक आयोजन, एक से दूसरे जिले में जाने की इजाजत नहीं, बसों की आवाजाही, हेयर सैलून, स्पा आदि। लाॅकडाउन के दौरान प्रदेशभर में 17 मई तक सभी प्रकार के सार्वजनिक परिवहन सेवाएं बंद रहेंगी। इसमें यात्री बस, सिटी बस, टैक्सी, ऑटो, ई-रिक्शा आदि नहीं चलेंगी। परिवहन आयुक्त कमलप्रीत सिंह द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सभी कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और समस्त क्षेत्रीय, अतिरिक्त क्षेत्रीय, जिला परिवहन अधिकारियों को इस आदेश का पालन करना होगा।
यह तस्वीर भिलाई की है। शराब दुकानों पर सुबह से ही लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। दुर्ग जिले में एक रात पहले ही 8 कोरोना पाॅजिटिव सामने आए, लेकिन शराब के चस्के ने सब बातों को भुला दिया है। 

कवर्धा: पहली बार केस, दुर्ग में फिर बढ़ी सख्ती
दुर्ग में पहला एक्टिव मरीज 23 मार्च को मिला था। इसके बाद से कोई केस नहीं आने के कारण जिला ग्रीन जोन में था। अब रविवार रात वहां एक साथ 8 नए मामले संक्रमण के सामने आए हैं। ग्रीन जोन में रहे कवर्धा में पहली बार ही 6 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले। हालांकि सभी माइग्रेट वर्कर हैं और बाहरी राज्यों से आने के बाद उन्हें क्वारैंटाइन में रखा गया था। इनकी जांच के सैंपल भेजे जाने के बाद पुष्टि हुई। वहीं, जिले में धारा-144 बढ़ा दी गई है।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण

  • छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के अब तक 57 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें क्वारैंटाइन सेंटर से भागे झारखंड के पॉजिटिव दो मजदूरों को जाेड़ दें तो यह संख्या 59 होती है।
  • संक्रमितों में अब तक सबसे ज्यादा कोरबा जिले से 28, सूरजपुर 6, रायपुर 6, दुर्ग 8, कवर्धा 6, राजनांदगांव और बिलासपुर से एक-एक पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं।
  • प्रदेश में अब एक्टिव केस की संख्या 21 है। इसमें रायपुर एम्स का एक मेडिकल स्टाफ समेत पुलिस कांस्टेबल, पंचायत सचिव भी शामिल है। सभी एम्स में भर्ती हैं।

चार राज्यों के मजदूरों के लिए कॉरिडोर बना रायपुर
यूपी, बिहार, झारखंड और ओडिशा के मजदूर रायपुर होकर अपने राज्यों की ओर जा रहे हैं। यहां इनके सिर्फ नाम-पते नोट कर छोड़ा जा रहा है। सूरजपुर के बाद अब दुर्ग और कवर्धा में मजदूरों के पॉजिटिव मिलने के बाद इनके बिना रोक-टोक आने से चिंता बढ़ गई है। अफसरों का तर्क है कि बॉर्डर में जांच की जा रही है, तो यहां नहीं की जाती। जबकि बड़ी संख्या में ऐसे भी मजदूर हैं, जो जंगल या खेतों से होकर आ रहे हैं।

कोरोना अपडेट्स

रायपुर: शरीर के तापमान के जरिए कोरोना संदिग्ध की पहचान के लिए थर्मल सेंसर का उपयोग होगा। भीड़भाड़ वाली जगहों आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई तकनीक के जरिए कैमरे की मदद से स्कैनिंग की जाएगी। इसमें किसी व्यक्ति का बॉडी टेंपरेचर दो मीटर से ज्यादा दूरी से लिया जा सकेगा। इस सिस्टम का ट्रायल करके देख रहा है। तीन से चार दिन के ट्रायल के बाद इस पर फैसला होने की संभावनाएं भी जताई जा रही है।

बिलासपुर: जिला प्रशासन से अपने राज्य वापस जाने का पास बनवा लेने के बाद भी लोग बॉर्डर पर फंसे हुए हैं। ऐसे सैकड़ों लोग वाड्रफनगर स्थित छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर देखने को मिल जाएंगे। बॉर्डर पर दोनों तरफ बड़ी संख्या में लोग और गाड़ियां खड़ी हैं। यूपी से लोग छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर रहे हैं लेकिन यहां से उत्तर प्रदेश जाने की अनुमति किसी को नहीं दी जा रही है। 2 दिन की जद्दोजहद के बाद रविवार से कुछ बसों का इंतजाम अंबिकापुर जिला प्रशासन ने किया है।

यह तस्वीर बिलासपुर के वाड्रफनगर के करीब धनवार वनोपज जांच नाका की है। यहां उत्तर प्रदेश से आने-जाने वालों की गहनता से जांच की जा रही है। इस वजह से देर रात तक लोगों की लंबी कतारें लगी रहती हैं।

रायगढ़: यह तस्वीर मजदूरों की बस से झारखंड के रांची रवानगी की है। मजदूरों को भेजते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कराया गया। बस की सभी सीटें फुल नजर आईं, जबकि नियमानुसार बस की आधी सीटों पर ही मजदूर को बैठाकर उनके घर रवाना किया जाना था। कुछ मजदूरों ने मास्क तक पहनना जरूरी नहीं समझा। ऐसे में उनमें कोरोना का संक्रमण आसानी से फैल सकता है।

यह तस्वीर जशपुर की मजदूरों के बस से झारखंड जाने की है। नियमों को दरकिनार कर बस की सभी सीटों को फुल कर दिया गया है।

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