रायपुर. छत्तीसगढ़ शासन के अधिकारी-कर्मचारियों ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के नियंत्रण एवं रोकथाम तथा इससे प्रभावित लोगों की मदद के लिए स्वैच्छिक रूप से अब तक 28 करोड़ 67 लाख रूपये से अधिक की राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा करायी है। इस राशि में प्रदेश के 2 लाख 32 हजार 508 शासकीय सेवकों द्वारा अंशदान दिया गया है।
गौरतलब है कि कोराना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य में लागू लॉक-डाउन के कारण सभी प्रकार की आर्थिक गतिविधियां बंद है। इससे राज्य को होने वाली आय में काफ ी कमी आई है जबकि कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए अधिक आर्थिक संसाधनों की आवश्यकता हो रही है। इस प्रदेशव्यापी संकट से निपटने के लिए प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारी संघों ने स्वेच्छा से एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौंपा गया था।
इस संबंध में राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा स्वेच्छा से वेतन कटवाने के लिए सुसंगत व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया। इसे देखते हुए वित्त विभाग द्वारा ई-पेरोल मॉड्यूल में स्वैच्छिक अंशदान का नया विकल्प जोड़कर आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को तत्काल सूचित किया गया। इस प्रकार ई-पेरोल में दिए गये स्वैच्छिक अंशदान विकल्प से अब तक 28 करोड़ 67 लाख रूपये से अधिक की राशि एकत्र हो चुकी है। इस राशि में प्रदेश के 2 लाख 32 हजार 508 शासकीय सेवकों द्वारा अंशदान दिया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसर अपर मुख्य सचिव वित्त द्वारा मुख्यमंत्री सहायता कोष में 18 अप्रैल 2020 को 28 करोड़ 67 लाख 67 हजार 348 रूपये की राशि अंतरित कर मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया है।
आर्किटेक्ट्स फ्रेटरनिटी ऑफ छत्तीसगढ़ ने दिए 1.11 लाख
आक्रिटेक्ट्स फ्रेटंरनिटी ऑफ छत्तीसगढ़ द्वारा मुख्यमंत्री सहायता कोष में 1 लाख 11 हजार रूपये की सहयोग राशि दान की गई है। ज्ञातव्य हो कि संकट की इस घड़ी में समाज के हर वर्ग द्वारा अपने-अपने सामथ्र्य के अनुसार स्वस्फूर्त होकर जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष में बढ़-चढ़कर योगदान दिया जा रहा है।