गरियाबंद/सुपेबेड़ा 22 अक्टूबर 2019। राज्यपाल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव किडनी पीड़ितों मिलने और इनका हाल चाल जानने के लिये सुपेबेड़ा पहुंचे हुये है। राज्यपाल ने यहां के पीड़ितो से मुलाकात कर इनके बारे में जाना। राज्यपाल ने सुपेबेड़ा में ग्रमीणों की संबोधित करते हुये कहा कि….कुछ दिन पहले इस ग्राम के संबंध में मुझे जानकारी प्राप्त हुई थी। मैने मीडिया अखबारों के माध्यम से पढ़ा था और कुछ चैनलों में भी इस पूरे गांव की स्थिति का वर्णन किया गया था और परेशानियों को दिखाया गया था। देखकर मुझे बहुत दुख हुआ। मुझे जानकारी मिली थी कि 71 लोगों की जान किडनी पीडितों की चली गयी थी। ये सुनकर मुझे बड़ा आश्चर्य लगा। बड़ी वेदना हुई और मैने उसी दिन यहां पर आने की सोच रखी थी। सरकार ने भी मुझे जानकारी दी थी कि शासन स्तर पर जो भी कुछ संभव हो रहा हैं वो उनके द्वारा किया जा रहा है। मुझे बताया गया कि ये अभी की समस्या नहीं है। 10 या 15 वर्षो से ये समस्या बनी हुई है। यहां के पानी को पीकर जो परेशानी किडनी की लोगों को हुई है और इसी कारण से यहां के लोगों को किडनी जैसी गंभीर बीमारी से भुगतना पड़ रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने कहा कि ये अभी की नहीं बहुत पुरानी समस्या यहां की है। इसके लिये यहां पर स्वास्थ्य की व्यवस्था भी की गयी है। पीड़ितों के लिये यहां पर कैंप भी लगाये गये। पानी का भी सेंपल लेकर यहां पर जांच करायी गयी। इसके बावजूद भी लगातान यहां पर ऐसी घटना क्यों होती गयी। अभी भी कुछ परिवार में किड़नी से पीड़ित लोग है, बहुत गरीब लोग यहां पर है। बहुत सारी चीजे मैने सुना यहां के लोगों ने बताया कि बहुत दूर पड़ता है रायपुर इलाज के लिये यहां के लोगों के पास पैसा नहीं होता है। रायपुर से दूरी बहुत हैं इनके गांव की। आप लोग यहां क्या चाहते हैं और प्रशासन की तरफ से क्या कुछ सुविधा चाहते है और क्या कुछ आप लोगों के लिये मदद की गयी है। आगे क्या होना चाहिए। आप लोगों की पीड़ा से मुख्यमंत्री, मंत्री सभी चिंतित है।
राज्यपाल ने कहा कि मैं जानना चाहती हूं कि यहां पर इस तरह से किडनी की प्राॅब्लम और शासन की तरफ से जो 10 से 15 सालों से जो चल रहा है ऐसा क्या बात हैं कि आप लोगों की बिमारी बंद नहीं हुई और बिमारी आप लोगों को इस गांव के लोगों को होती जा रही है। यहां के जो पानी में फोलोराइड और ऐसे जो पदार्थ मिले हुये है, कुछ दिनों पहले ही यहां पर हीरे की खदान को लेकर ब्लास्टिंग हुई थी और इसके तत्व पानी में मिल गये थे। मगर इतने दिन हो गये इसकी बीमारी के कारण को खोजना चाहिए था। ऐसी कौन सी चीज है कि यहां के लोगों को इस तरह की प्रॉब्लम यहां के लोगांे को झेलनी पड़ रही है। आगे क्या कोशिश हो सकती है इसके बारे में हमें सोचना चाहिए। जरूरत पढ़े तो दिल्ली डाॅक्टरों को भेजकर पानी की जांच करायी जाए। मुझे लगता हैं कि ये सारी प्राॅब्लम पानी की वजह से ही हो रही है। राजयपाल ने PHE विभाग के अधिकारीयों को ग्रामीणों के सामने ही मंच पर बुलाकर समस्यों को लेकर निर्देश दिया गया। राजयपाल ने कहा सूपेबेडा अब मेरी जिम्मेदारी है यहाँ के लोगों के रोजगार को लेकर भी अधिकारीयों से चर्चा की जाएगी।