रायगढ़ । स्वच्छ हाथ हमें कई बीमारियों से बचाते हैं। हाथ को धोकर या सैनेटाइज कर स्वच्छ किया जाता है। वर्तमान कोरोना काल में हाथ धोना वरदान साबित हुआ है। हाथ धोने के लिए लोगों में जागरूकता लाने के लिए 2008 से ग्लोबल हैंडवाश डे की शुरुआत की गई थी । दुनिया भर में हर साल 15 अक्टूंबर को ग्लोबल हैंडवाश डे मनाया जाता है। हर साल ग्लोमबल हैंडवॉशिंग डे की एक थीम होती है इस बार की थीम “सभी के लिए स्वच्छ हाथ” है। इस दिन की स्थापना ग्लोबल हैंडवाशिंग पार्टनरशिप द्वारा की गयी जिसका प्रयास साबुन से हाथ धोने के महत्व पर जागरूकता को बढ़ाना है।
द स्टेट ऑफ हैंड वॉशिंग की 2016 की वार्षिक रिपोर्ट बताती है कि भारत के ग्रामीण क्षेत्र में 54 प्रतिशत आबादी शौचालय के बाद हाथ धोती है, वही सिर्फ 13 प्रतिशत आबादी खाना बनाने से पहले और 27 प्रतिशत बच्चों को खाना खिलाने से पहले हाथ धोती है। दूसरी तरफ शहरी क्षेत्र में 94 प्रतिशत लोग शौचालय के बाद हाथ धोते है, 74 प्रतिशत खाना बनाने से पहले और 79 प्रतिशत बच्चों को खाना खिलाने से पहले हाथ धोते है।
बालाजी मेट्रो हॉस्पिटल के डॉक्टर प्रकाश मिश्रा (एमडी मेडिसीन) कहते हैं कि कोरोना काल में हाथ धोना ही लाइफ लाइन है। हम अगर कोरोना के प्रकोप से बचे हैंतो वह हाथ धोने व मास्क लगाने के कारण बचे हैं। कोरोना से बचने का सबसे कारगार तरीका हैंडवाश है। किसी भी व्यक्ति को लगे कि उसने जाने-अनजाने में किसी को छू लिया है या किसी के संपर्क में आ गया है तो वह तुरंत हाथ धोएं। कम से कम 20 सेंकेड तक हाथों में साबुन रहना चाहिए। हाथ धोने के 7 साइंटिफिक तरीके के जिससे रोगाणु-विषाणु नष्ट हो जाते हैं। डॉ. मिश्रा बताते हैं कि हर दूसरे पेशेंट को देखने के बाद वो हाथ धोते हैं। दिन में कम-से-कम वह 50 बार हाथ धोते हैं।
जिंदल फोर्टिस हॉस्पिटल के डॉक्टर छत्रपाल पटेल बताते हैं कि हाथ धोने से बैक्टीरिया और वायरस के बढ़ने का खतरा कम हो जाता है जिनमें कोरोना, इंफ्लुएंजा, टीबी, स्वाइन फ्लू, स्वास संबधी बीमारी व अन्य संक्रमणकारी बीमारी शामिल है। हाथ को कम-से-कम 20 सेंकेड और अधिक-से-अधिक 2 मिनट तक धोना चाहिए। हाथ धोना बहुत जरूरी है लेकिन ध्यान रहे ज्यादा हाथ धोना आपको नुकसान पहुंचा सकता है। इससे त्वचा के रूखे और एलर्जी होने की संभावना भी रहती है।
कब और कैसे हाथ धोएं
बाहर से घर में प्रवेश करने के बाद, शौच के बाद , खाना बनाने व खाने से पहले , मुंह, नाक व आँखों को छूने के बाद, खाँसने व छींकने के बाद, घर की साफ-सफाई करने के बाद , किसी बीमार व्यक्ति से मिलकर आने के बाद व पालतू जानवरों से खेलने के बाद जरूर हाथ धोएं।
इसी तरह हाथ धोने की 7 साइंटिफिक प्रक्रिया में हथेली से हथेली को साफ करें, दाहिनी हथेली बायी हथेली के ऊपर, बायी हथेली दाई हथेली के ऊपर, उंगिलयों से ऊंगिलयां-हथेली से हथेली मिलाएं, उंगलियों को एक दूसरे से रगड़ें, अंगूठों को घुमाकर रगड़ें, हथेलियों को अच्छी तरह से रगड़ें।
पूरे 48 वार्ड में लोगों को किया जाएगा जागरूक : निगम आयुक्त
नगर निगम आयुक्त आशुतोष पाण्डेय ने बताया कि कोरोना काल में हाथ धोना सबसे जरूरी है। इसको लेकर जिला प्रशासन द्वारा शुरू से ही प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। लोगों में हाथ धोने को लेकर जागरूकता आई है। निगम 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंडवाश डे के दिन अपने सभी 48 वार्डों में जागरूकता कार्यक्रम चलाएगा। प्रत्येक वार्ड में हाथ धोने का सही तरीका और इससे होने वाले फायदे के बारे में लोगों को बताया जाएगा। आयुक्त पाण्डेय यह भी कहते हैं कि हैंडवाश सिर्फ दिन विशेष के लिए नहीं है इसे लोगों को अपनी दिनचर्चा में अनिवार्य रूप से शामिल करना चाहिए।
ऑन लाइन मनाया जाएगा ग्लोबल हैंडवाश डे: आरके त्रिवेदी
जिस समय कोरोना जिले में अपना पैर पसार रहा था उसी समय ओपी जिंदल स्कूल प्रबंधन ने अपने छात्रों को हैंडवाश करने को लेकर जागरूक किया और एक्टिविटी भी उन्हें घर पर रहकर करने के लिए कहा । ओपी जिंदल स्कूल के प्रिंसिपल आरके त्रिवेदी कहते हैं कि हम हर वर्ष ग्लोबल हैंडवाश डे स्कूल में मनाते हैं। इस दिन बच्चों को किससे और कैसे हाथ धोना व कितने बार और कब-कब हाथ धोना चाहिए जानकारी दी जाती है। साथ ही उन्हें हाथ धोने से फायदे और बीमारियों से बचने के बारे में जागरूक करते हैं। इस वर्ष कोविड काल है और अभी तक स्कूल नहीं खुले हैं। बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस जारी है। इस बार ग्लोबल हैंडवाश डे को हम ऑनलाइन मनाएंगे और टीचर्स बच्चों को वीडियो कॉल के जरिए उन तमाम एक्टिविटी को बताएंगे-कराएंगे तो हम अब तक करते आ रहे हैं।