डेंगू लार्वा की जांच के लिए स्वास्थ्य संचालक पहुंचे विशेषज्ञों की टीम लेकर, लार्वा सेम्पल कलेक्ट कर भेजे जायेंगे जबलपुर के लैब

रायगढ़, 19 नवम्बर2019/ संचालक स्वास्थ्य सेवाएं श्री नीरज बंसोड़ नगर निगम रायगढ़ क्षेत्र में मिल रहे डेंगू के प्रकरणों की विस्तृत जांच व समीक्षा के लिए रायपुर से विशेषज्ञों की टीम लेकर रायगढ़ पहुंचे। जिसका मुख्य उद्देश्य पिछले कुछ सालों से रायगढ़ में लगातार मिल रहे डेंगू के प्रकरणों के कारको के अध्ययन के लिए लार्वा सेम्पल कलेक्शन करना तथा उनके पाये जाने वाले स्थानों व स्त्रोतों की जांच करना। उक्त सेम्पल जांच के लिए जबलपुर के लैब में भेजा जाएगा। टीम में नेशनल वेक्टर बार्न डिसिज कंट्रोल प्रोग्राम के चिकित्सकगण स्टेट माइक्रोबायोलाजिस्ट, स्टेट एपीडेमियोलाजिस्ट तथा राज्य कार्यक्रम अधिकारी शामिल है। जहां वे सबसे पहले स्व.लखीराम अग्रवाल स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय संबद्ध जिला चिकित्सालय रायगढ़ के डेंगू वार्ड पहुंचकर व्यवस्थाओं तथा स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन तथा चिकित्सकों को निर्देश देते हुए कहा कि यहां भर्ती मरीजों के लिए समस्त सुविधाएं उपलब्ध हो तथा मरीजों को चिकित्सा के साथ हाईडे्रशन का भी पूरा ध्यान रखा जाए। अस्पताल में दवाईयों व ब्लड तथा प्लेटलेट्स की भी पर्याप्त व्यवस्था रखें। उन्होंने टीम के साथ संजय मार्केट क्षेत्र का सर्वे करते हुए वहां पर लार्वा का कलेक्शन करवाया और लोगों की जागरूकता को भी परखकर डेंगू से बचाव के लिए आवश्यक जानकारियां दी। उन्होंने निगम क्षेत्र में आज से प्रारंभ डोर-टू-डोर अभियान में कलेक्टर श्री यशवंत कुमार के साथ जाकर प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना किया तथा आवश्यक निर्देश भी दिए।

सीएमएचओ सभाकक्ष में संचालक स्वास्थ्य सेवाएं श्री नीरज बंसोड़ तथा उनकी टीम ने निजी चिकित्सक तथा अस्पताल संचालकों, मितानिन टे्रनर, स्व-सहायता समूह की महिलाएं, नगर निगम कर्मचारी आदि की बैठक लेकर डेंगू की रोकथाम के लिए किए जा रहे सर्वे तथा उठाये जाने वाले कदमों के बारे में आवश्यक जानकारी दी। उन्होंने निजी अस्पताल संचालकों से कहा कि डेंगू की जद में अधिकतर गरीब वर्ग के लोग आ रहे है। अत: उन्हें आवश्यक दवाईयां व टेस्ट ही लिखे। अनावश्यक वित्तीय बोझ न डाले। दवाईयों की कमी हो तो जिला स्वास्थ्य विभाग एवं रेडक्रास से सहयोग ले सकते है। साथ ही रेपिड टेस्ट के रिजल्ट आने पर सीधे मरीज को डेंगू पाजिटिव न घोषित करें बल्कि एलिसा टेस्ट कराने के लिए कहे। एलिसा टेस्ट का परिणाम पाजिटिव आने पर ही मरीज डेंगू पाजिटिव माना जाता है। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों से कहा कि अगर हम मिल-जुलकर प्रयास करें तो बहुत ही कम समय में डेंगू की समस्या पर काबू पा लेंगे। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.एन.केशरी सहित स्वास्थ्य विभाग तथा नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।


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