बिलासपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका की सुनवाई के बाद दिए गए जांच और कार्रवाई के आदेश
बिलासपुर सीएमएचओ दफ्तर में घोटाले को लेकर दायर की गई थी जनहित याचिका
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर सीएमएचओ कार्यालय में 4 करोड़ 90 लाख के घोटाले में अब एफआईआर होगी। तत्कालिन अधिकारी मधुलिका सिंह के खिलाफ एफआईआर करने के आदेश हाईकोर्ट ने दिए हैं। गुरुवार को इस मामले में दायर जनहित याचिका की सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया गया। तत्कालीन सीएमएचओ मधुलिका सिंह पर दवा खरीदी, मितानिनों की नियुक्ति समेत बड़े पैमाने में घोटाला किए जाने का आरोप था।
साबित हुआ 2.5 करोड़ का घोटाला
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान ढाई करोड़ का घोटाला सिद्ध पाया। इस तरह से कोर्ट ने कार्रवाई करने का आदेश दिया है। सीएमएचओ कार्यालय में हुए घोटाला को लेकर रायपुर के एस. संतोष कुमार ने हाईकोर्ट में अधिवक्ता योगेश्वर शर्मा के माध्यम से जनहित याचिका दायर की थी। इसमें तर्क दिया गया है कि तत्कालीन सीएमएचओ मधुलिका सिंह दवा खरीदने, मितानिनों की नियुक्ति करने सहित अन्य कामों में 4.90 करोड़ रुपए का घोटाला किया है। कोर्ट को यह भी बताया गया कि वे कई सालों से यहां दो-दो पदों में पदस्थ रही हैं।
मामले की सुनवाई गुरिवार को चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू के युगलपीठ में हुई। कोर्ट ने इस मामले में से सम्बंधित दस्तावेज पुलिस महकमे के आला अफसरों आईजी और एसपी को देने कहा है। हाईकोर्ट की तरफ से कहा गया है कि राज्य शासन भी इस मामले में दोषी के खिलाफ विभागीय जांच, वसूली व अन्य कार्रवाई करें। इसके अलावा याचिकाकर्ता को आपराधिक और सर्विस मेटर दायर करने की भी छूट हाईकोर्ट ने दी है।