रायगढ़। दिनचर्या में ग्रीनचर्या एक विशेष मुहिम को शुभारंभ करते हुए प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री उमेश नंदकुमार पटेल ने इसे जन जन तक पहुंचा कर पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने की दिशा में एक नई पहल की शुरुआत की है इस अभियान में प्रबुद्ध वर्ग के लोग उच्च अधिकारी युवा तथा आम व खास सभी लोगों की भागीदारी सुनिश्चित किए जाने पर भी बल दिया जा रहा है।
आज के प्रतिकूल स्थिति में जहां प्रकृति ने हमारे जीवनशैली, रहन-सहन और दिनचर्या में व्यापक परिवर्तन लाया है, ऐसे में छोटे-छोटे प्रयास एवं आदत ही बड़े रक्षक साबित हो सकते है । “ग्रीनचर्या” इन्ही प्रयासों की कड़ी में एक सामाजिक मुहिम की शुरुआत है जो लोगो को अपने दिनचर्या में ग्रीनचर्या को अपनाने के लिए चलाई जाएगी..!
इस मुहिम का उद्देश्य है घर के अंदर विशुद्ध हवा को स्वतः शुद्ध करने हेतु हमारे इर्द गिर्द आसानी से प्राप्त इंडोर पौधे, औषधीय उपयोगी पौधे, शाकभाजी, फल व छायादार तथा शीघ्र बढ़ने वाले पेड़ पौधे लगाने उनको सुरक्षित रखने का एक विशेष कार्यक्रम में जन – जन को जोड़ कर पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाना है।
खास बात यह है कि प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री एवं युवाओ से संबंधित सभी विभागों का मंत्रालय सम्हाल रहे निर्विवाद, सहज सरल व्यक्तित्व के धनी केबिनेट मंत्री उमेश नन्दकुमार पटेल जी इस मुहिम के माध्यम से समाज को संदेश देने में अग्रणी भूमिका निभाते हुए कहा है कि अब हमें हमारी जीवनशैली में व्यापक परिवर्तन करने की जरूरत है ताकि कोरोना जैसी वैश्विक आपदा बार-बार किसी नए रूप में हमारे मध्य ना आ सके चूंकि आजकल ज्यादा से ज्यादा लोग सोशल मीडिया के प्लेटफार्म में मंत्री उमेश पटेल से जुड़े हुए है इसलिए मंत्री उमेश पटेल ने अपने ऑफिशियल फेसबुक पेज ट्विटर एवं इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्म से लोगों को दिनचर्या में ग्रीनचर्या को अपनाने हेतु अपील किया है।
उम्मीद है युवाओं के रोल मॉडल बन चुके युवा नेता उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल की अगुवाई में इस विशेष सामाजिक अभियान दिनचर्या में ग्रीनचर्या को लोगों का बेहतर प्रतिसाद मिलने के साथ ना केवल युवा वर्ग बल्कि महिला, बुजुर्ग, विद्यार्थी तथा सामाजिक, राजनीतिक, पत्रकार, व्यापारी, बुद्धिजीवी, प्रशासनिक तथा अन्य सभी वर्ग के लोग इसकी महत्ता को समझते हुए समाजहित के लिए समर्पित इस सामाजिक अभियान “दिनचर्या में ग्रीन चर्या” को अपनाएंगे और ना केवल युवा वर्ग बल्कि महिला पुरुष बुजुर्ग विद्यार्थी सभी वर्ग के लोग इस अभियान को आत्मसात कर एक जन आंदोलन का स्वरूप देंगे, जिससे पर्यावरण संरक्षण में प्रत्येक व्यक्ति की भूमिका को समझने और जानने में आम जनता तक जागरूकता का एक संदेश जाएगा।