कैश बैग दफ्तर में भूला और थाने पहुंचकर लूट की एफआइआर लिखवा दी, एक महीने की जांच के बाद फर्जी केस निकला

रिपोर्ट लिखवाने वाले शख्स का खुलासा- ज्यादा पी रखी थी तो लगा किसी ने मूझे लूट लिया, अब पुलिस झूठी एफआइआर लिखावाने वाले के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में

मुंगेली. जिले में एक शख्स ने अपने नशे और भूलने की आदत की वजह से पुलिस को बेवकूफ बना दिया। एक महीने पहले सिटी कोतवाली थाने में 11 लाख रुपए के लूट की शिकायत की गई थी। जांच में ये मामला फर्जी पाया गया। पुलिस के मुताबिक इस मामले में किसी भी तरह की लूट नहीं हुई। सिर्फ पुलिस का वक्त खराब किया गया। झूठी एफआईआर ग्राम जुझारभाटा के रहने वाले आशीष दुबे ने लिखवाई थी। एसडीओपी तेजराम पटेल ने बताया कि जल्द ही पुलिस फर्जी रिपोर्ट लिखवाने वाले युवक के खिलाफ कार्रवाई करेगी।

एसपी ने तुरंत बना दी थी जांच टीम
इस शिकायत के आते ही एसपी डी. श्रवण ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमलेश्वर चंदेल, एसडीओपी तेजराम पटेल के नेतृत्व में टीम बनाई। 11 लाख लूट का मामला था इसलिए अधिकारी भी गंभीरता से जांच करने लगे। पुलिस ने पाया कि आशीष ने कथित घटना के 4 घंटे बाद पुलिस से मदद मांगी, अपने साथ मारपीट का दावा किया मगर उसे कोई चोट नहीं आई, घटना के समय को लेकर भी गोलमोल जवाब दिया। जांच के दौरान पुलिस को आशीष के दफ्तर से एक बैग मिला।

फिर शुरू हुआ झूठ का खेल
पुलिस को मिले बैग में 1 लाख 46 हजार रुपए थे। आशीष के दफ्तर के लोगों ने भी बताया कि कथित घटना के दिन आशीष बिना कैश लिए निकला था। इस बीच आशीष भी समझ चुका था। वह तरह-तरह के झूठ पुलिस से कहता रहा। कभी लुटेरों का काल्पनिक हुलिया बताता, कभी उनके भागने की दिशा। कड़ाई से पूछताछ के दौरान उसने कबूल लिया कि वो झूठ बोल रहा है। नशे की हालत में उसे लगा कि किसी ने उसका बैग छीन लिया तो वो थाने पहुंच गया एफआईआर करवाने।


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