राजनांदगांव में सख्ती / जमातियों ने अगर जानकारी छिपाई तो हत्या समेत गैर जमानतीय धाराओं में एफआईआर होगी, कलेक्टर ने दिया आदेश

कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य ने चेताया, जानकारी छिपाई तो दर्ज होगा आपराधिक प्रकरण, जिले में 1 संक्रमित मिल चुका है, हालांकि वो अब ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका 

राजनांदगांव. छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों पर जानकारी छिपाने की स्थिति में बड़ी कार्रवाई हो सकती है। कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य ने इसे लेकर कड़े आदेश जारी किए हैं। कलेक्टर के आदेश के मुताबिक, अगर कोई भी तब्लीगी जमात से जुड़ा व्यक्ति अपने आने-जाने की जानकारी छिपाता है, या जांच नहीं करवाने के लिए सामने नहीं आता तो उनके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास जैसी धाराओं के साथ कार्रवाई की जाएगी। देश कुछ राज्यों के डीजीपी भी जमात के लोगों को लेकर ऐसे आदेश जारी कर चुके हैं। प्रदेश में इस तरह का आदेश पहली बार जारी किया गया है।

यह है राजनांदगांव कलेक्टर का आदेश 
कलेक्टर ने आदेश में साफ तौर पर लिखा है कि जिले में तब्लीगी जमात के बहुत से अनुयायी हैं, जमात के लोगों का कई स्थलों पर संक्रमण अवधि में आना-जाना रहा है। विगत दिनों में तब्लीगी जमात के लोगों में कोरोना संक्रमण की दर बहुत अधिक पाई गई है, अतः तब्लीगी जमात के समस्त अनुयायियों को यह आदेश दिया जाता है कि 1 मार्च के पश्चात वे अपने निवास स्थल से छत्तीसगढ़ अथवा छत्तीसगढ़ से बाहर कहीं पर भी प्रवास किए हों अथवा उनके निवास स्थल पर किसी दूसरे स्थल का निवासी निवास कर रहा हो तो उसकी विस्तृत सूचना संबंधित अनुविभागीय दंडाधिकारी को तत्काल दें। यदि आपके द्वारा सूचना छुपाई जाती है तो आप राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 302 यानी हत्या और 307 यानी की हत्या का प्रयत्न के तहत दंड के भागी होंगे।

मेडिकल कॉलेज में टेस्ट की सुविधा नहीं 
राजनांदगांव शहर के मेडिकल कॉलेज में कोरोना जांच नहीं हो सकेगी। कॉलेज के लैब में फिलहाल उन मापदंडों के मुताबिक सुविधा नहीं है, जो कोरोना के जांच के लिए अनिवार्य है। इसके चलते यहां केवल मरीजों को उच्च स्तरीय इलाज देने के लिए सुविधा बढ़ाई जा रही है। सप्ताह भर में कोरोना मरीजों के इलाज की तैयारी को लेकर कई अहम उपकरण शहर में पहुंचने वाले हैं। सरकार ने एम्स के बाद कुछ मेडिकल कॉलेजों में भी कोरोना जांच की तैयारी की थी, लेकिन इसके लिए लैब में जिस तरह की सुविधा और मापदंड की जरूरत है, उसमें शहर का मेडिकल कॉलेज फेल हो गया है। लैब कोरोना वायरस के जांच के लिए सुरक्षित नहीं है। अधूरी सुविधा के बीच अगर जांच का प्रयास किया गया तो इसका बड़ा नुकसान भी हो सकता है।


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