रायगढ़ जिले में महतारी दुलार योजना से 370 बच्चों को मिलेगी नि:शुल्क शिक्षा, स्वामी आत्मानन्द अंग्रेजी माध्यम स्कूल रायगढ़ में भी 50 बच्चों को योजनांतर्गत दिया गया प्रवेश

रायगढ़, 31 जुलाई2021/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने संवेदनशील पहल करते हुए छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना शुरू की है। जिले में कोरोना वायरस से अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों को महतारी दुलारी योजना से शिक्षा की मदद मिल रही है। 2021 में इस योजना के तहत अब तक जिले के 179 शासकीय स्कूलों तथा 191 अशासकीय स्कूलों में 370 विद्यार्थियों को नि:शुल्क शिक्षा और छात्रवृत्ति का लाभ मिलेगा। योजनांतर्गत स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल रायगढ़ में भी 50 बच्चों को प्रवेश दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में कोई भी बच्चा जिसके आजीविका अर्जित करने वाले पिता या माता का कोरोना वायरस से निधन हो गया है, उसकी पढ़ाई जारी रहने में किसी तरह की बाधा नहीं आए, इस उद्देश्य और संवेदना के साथ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने महतारी दुलारी योजना शुरू की है जिसके अंतर्गत ऐसे बच्चों की पढ़ाई का खर्च तो शासन उठाएगी ही साथ ही छात्रवृत्ति का प्रावधान भी है। जिससे बच्चों को शिक्षा हेतु कुछ जरूरी खर्च करने के लिए राशि उपलब्ध होगी।
मिलेगी छात्रवृत्ति भी
छत्तीसगढ़ में कोरोना से बेसहारा बच्चों को स्कूली शिक्षा नि:शुल्क शिक्षा योजना सरकार ने बनाई है। इसके तहत सरकार बच्चों को 12वीं तक की स्कूली शिक्षा नि:शुल्क देगी। वहीं हर महीने एक निश्चित छात्रवृत्ति भी मिलेगी। योजना के मुताबिक जिले में पात्र सभी विद्यार्थियों को नि:शुल्क शिक्षा व छात्रवृत्ति का लाभ मिलेगा। जिले में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल रायगढ़ में योजना अंतर्गत 50 बच्चों को प्रवेश दिया है। ऐसे बच्चों को राज्य सरकार के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्रवेश में प्राथमिकता दी गई है तथा उनकी शिक्षा का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी। जिले के समस्त शासकीय, अशासकीय स्कूलों व आत्मानन्द अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्रवेश पाने वाले सभी विद्यार्थियों को नि:शुल्क शिक्षा व छात्रवृत्ति भी दी जाएगी। ऐसे सभी विद्यार्थियों को कक्षा पहली से आठवीं तक 500 रुपये प्रति माह और कक्षा नौवीं से बारहवीं तक 1000 रुपये प्रति माह की छात्रवृत्ति दी जाएगी। महतारी दुलार योजना छत्तीसगढ़ सरकार की एक बेहतर और संवेदनशील योजना है, जिसका लाभ छत्तीसगढ़ के मूल निवासी परिवारों से संबंधित बेसहारा बच्चों को मिलेगा, जिनके घर कोरोना वायरस और मृत्यु की वजह से घर में कमाने वाले व सदस्य न रहने के कारण भरण-पोषण की समस्या हो गई है।


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