मासूमों ने बेहतर इम्युनिटी से दिया कोरना को मात, संक्रमित मां और नानी के संपर्क में आने के बाद भी रिपोर्ट आई निगेटिव

रायपुर. रायपुर एम्स के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कटघोरा के मासूमों की कोरोना वायरस की दूसरी रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। दोनों पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। कोरोना पॉजिटिव मां और नानी के संपर्क में रहने के बाद भी 3 माह की बच्ची और 22 माह के बच्चे को कोरोना संक्रमण नहीं होने पर डॉक्टर इसे किसी चमत्कार से कम नहीं मान रहे हैं। एम्स प्रबंधन ने दोनों मासूम के सभी सैंपल और जांच के रेकॉर्ड को रिसर्च के लिए संभालकर रखा है। गुरुवार को बच्चों को एम्स के आइसोलेशन वार्ड से डिस्चार्ज कर दिया गया। इसके बाद परिजन बच्चों को लेकर कटघोरा रवाना हो गए।

एम्स के डॉक्टरों के मुताबिक बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत अच्छी है। मां के दूध से सबसे ज्यादा रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। इसी वजह से बच्चे संक्रमण से बचे रहे। फिलहाल बच्चों की मां और नानी का कोरोना संक्रमण का एम्स में इलाज जारी है। अस्पताल की नर्सें भर्ती मां के दूध को निकालकर फिल्टर करने के बाद बच्चों को पिलाती थीं। डॉक्टरों का कहना है कि इससे कोरोना वायरस ब्लड तक नहीं पहुंच रहा है। डॉक्टर का यह भी मानना है कि मासूमों में वायरस लोड बहुत कम रहा होगा जो शुरुआती दौर में ही इलाज के दौरान ठीक हो गया होगा।

महिला के साथ एंबुलेंस में आए थे मासूम

9 अप्रैल को कटघोरा में कोरोना पॉजिटिव 7 लोग मिले थे, जिसमें मासूम बच्चों की मां भी शामिल थी। सभी पीडि़तों को रात में एम्स लाया गया था। स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों ने लापरवाही दिखाते हुए एक ही एंबुलेंस में मां और बच्चों को लेकर एम्स पहुंचे थे। गनीमत है कि इसके बावजूद बच्चे संक्रमित नहीं हुए। मासूमों की देखरेख के लिए आई नानी भी 14 अप्रैल को जांच के बाद कोरोना पॉजिटिव पाई गई। बच्चों के पिता बिलासपुर में 14 दिन क्वारंटाइन में थे, जो फिलहाल एम्स में हैं। नानी के पॉजिटिव पाए जाने के बाद एम्स ने बच्चों का भी सैंपल जांच के लिए भेजा, जो नेगेटिव आए। ऐहतियात के तौर पर बच्चों को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था।

परिजनों के साथ रह सकते हैं बच्चे

मासूमों की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उनकी मां के स्वस्थ होने का इंतजार किया जा रहा है। एम्स प्रबंधन का कहना है कि दोनों बच्चों को अपनी मां से कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं हुआ है। अब यह अपने परिजनों के साथ रह सकते हैं।

बच्चों में वायरस लोड बहुत कम होगा, जो प्रोफाइली ट्रीटमेंट से ठीक हो गया होगा। मासूमों के सैंपल व इलाज के रेकॉर्ड रखे जा रहे हैं। यह रिसर्च का विषय है कि मासूमों की इम्युनिटी कितनी अच्छी थी, जो संक्रमित मां-नानी के संपर्क में रहने के बाद भी संक्रमित नहीं हुए।

-प्रो. अजॉय कुमार बेहरा, नोडल ऑफिसर, कोरोना वायरस, एम्स

दोनों मासूम पूरी तरह से स्वस्थ हैं और उनकी दूसरी रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। बच्चों की इम्युनिटी बहुत अच्छी है। बच्चों में इम्युनिटी पॉवर मां के दूध से बढ़ता है।

-डॉ. करन, अधीक्षक, एम्स


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