सूरजपुर. जिले के जजावल कैम्प में ठहराए गए एक मजदूर के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर जहां वहां ठहरे सभी मजदूरों व ड्यूटी में तैनात लोगों का परीक्षण कराया है वहीं इलाके को पूरी तरह सील कर दिया गया है। प्रशासनिक अधिकारियों व डॉक्टरों की टीम दूसरे दिन भी लगातार जजावल में सक्रिय है।
मंगलवार की देर रात जांच के बाद संदेही पाए गए एक आरक्षक समेत 10 लोगों को रायपुर एम्स भेजा गया है। प्रशासन को भेजे गए सभी लोगों की रिपोर्ट का इंतजार है। रैपिड टेस्टिंग किट से आई रिपोर्ट को अभी अधिकृत नहीं माना जा रहा है। इधर एक साथ 10 पॉजिटिव केस मिलने के बाद जजावल के ग्रामीणों में आक्रोश है।
उनका कहना है कि जब श्रमिकों को लाया गया था तो उन्होंने विरोध किया था, ऐसे में उन्हें समझाइश दी गई थी कि इनमें से कोई कोरोना से पीडि़त नहीं है, सभी को जांच करने के बाद ही यहां रखा जा रहा है।
28 अप्रैल को जिले के जजावल के राहत शिविर में ठहराए गए एक मजदूर के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद जिले में हडकंप मच गया था। जजावल में राजनांदगांव से आए करीब 102 मजदूरों को राहत शिविर में ठहराया गया है। इन मजदूरो में से कुछ लोगों का एहतियात के तौर पर सैंपल लेकर रायपुर भेजा गया था।
इसमें से एक मजदूर के संक्रमित होने की पुष्टि के बाद जिला प्रशासन सक्रिय हो गया और कलेक्टर दीपक सोनी समेत पुलिस अधीक्षक राजेश कुकरेजा तत्काल जजावल राहत कैम्प में पहुंच गए। जहां वे देर रात तक डटे रहे। इस बीच डॉक्टरो की टीम द्वारा राहत कैम्प में रुके सभी लोगों का जांच की गई।
इसमें से एक आरक्षक, छात्रावास अधीक्षक समेत 9 लोग संदेही पाए गए। जिन्हे तत्काल जिला प्रशासन ने रायपुर एम्स के लिए रवाना कर दिया है। जिला प्रशासन को अब इनके रिपोर्ट का इंतजार है।
बताया जा रहा है कि प्रशासन ने एहतियात के तौर पर यहां के अन्य मजदूरों का सैंपल लेकर जांच के लिए रायपुर भेजा गया है, ताकि किसी प्रकार का संदेह न रहे। वहीं जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि घबराने की जरूरत नहीं है। कोरोना से निपटने के लिए पूरे इंतजाम किए गए हैं।
जजावल पूरी तरह सील
मजदूर के संक्रमित पाए जाने के बाद जजावल को पूरी तरह सील कर दिया गया है। यहां किसी को भी आने जाने की इजाजत नही है। एहतियात के तौर पर डॉक्टरों की टीम यहां तैनात है जो लोगों की निगरानी कर रहा है।
संपर्क मेंं आए लोग किए गए क्वारंटीन
जांच के बाद मजदूरों के साथ साथ ऐसे लोग भी क्वारंटीन किए गए हैं जो वहां ड्यूटी पर तैनात थे। ऐसे लोगों की संख्या स्पष्ट नही हो सकी है। इधर दूसरी ओर बताया जा रहा है कि जजावल से पांच मजदूर केतका भी आए थे। जिनकी जांच भी बुधवार को डॉक्टरों की टीम ने करते हुए सैंपल रायपुर भेजा है। दूसरी ओर यह भी बताया गया है कि एहतियात के तौर पर इन मजदूरो के परिवारों को भी क्वारंटीन किए गए हैं।
दुकानों तक पहुंचते थे श्रमिक
सूत्रों के अनुसार राहत शिविर में ठहरे श्रमिक बांस के सामान बनाने के अलावा शिविर से निकलकर गांव की दुकान तक सामान खरीदने जाते थे, जबकि उन्हें कहीं भी आने-जाने की मनाही थी। ड्यूटी में तैनात लोगों द्वारा उन्हें क्यों छूट दी जाती थी, यह समझ से परे है।