डीजीपी लेवल की सोमवार को हुई वर्चुअल मीटिंग में डीजीपी डीएम अवस्थी सहित महाराष्ट्र के डीजीपी एसके जायसवाल, आंध्रप्रदेश के डी. गौतम सवांग, तेलंगाना के महेंद्र रेड्डी, ओडिशा के अभय, झारखंड के एमवी राव, बिहार के संजीव कुमार सिंघल और पश्चिम बंगाल के एडीजी नीरज कुमार सिंह शामिल हुए। इसमें स्पेशल डीजी नक्सल ऑपरेशन अशोक जुनेजा भी मौजूद थे।
एक राज्य ऑपरेशन चलाता है तो नक्सली दूसरी जगह भाग जाते हैं
डीजीपी डीएम अवस्थी ने कहा, महाराष्ट्र, ओडिशा और तेलंगाना चारों राज्य मिलकर ऑपरेशन शुरू करें तो नक्सलियों को भागने के लिए जगह नहीं मिलेगी। सुकमा और बीजापुर नक्सलियों का कोर हिस्सा माना जाता है। जहां से ओडिशा, तेलंगाना और महाराष्ट्र का नक्सल प्रभावित इलाका जुड़ा हुआ है। कोई भी राज्य ऑपरेशन शुरू करता है तो नक्सली दूसरे राज्य के जंगलों में छिप जाते हैं।
इंटेलीजेंस आईजी को बनाया गया नोडल अधिकारी
अपराधियों के अंतरराज्यीय मूवमेंट, ड्रग्स, हथियारों व अन्य वस्तुओं की तस्करी के खिलाफ भी मिलकर अभियान चलाने की रणनीति बनाई गई। सभी राज्य नक्सलियों से संबंधित सूचनाएं एक-दूसरे से शेयर करेंगे। हर महीने नियमित रूप से सभी राज्यों के डीजीपी की बैठक भी होगी। इंटेलिजेंस के आईजी डॉ. आनंद छाबड़ा को राज्यों से समन्वय के लिए नोडल अधिकारी बनाया गया है।