हमले के खिलाफ जुटे पत्रकार, इंसाफ की आस में निकाली न्याय यात्रा, राज्यपाल के आग्रह के बाद आंदोलन स्थगित

कांकेर के पत्रकार कमल शुक्ला और सतीश यादव के साथ कांग्रेस नेताओं ने की थी मारपीट…कमल शुक्ला की बेटी ने जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया, कार्रवाई करने की तैयारी में सरकार

रायपुर। रायपुर की सड़कों पर रविवार को पत्रकार एकता जिंदाबाद के नारे गूंज रहे थे। बस्तर, सरगुजा समेत ओडिशा और एमपी से भी पत्रकार रायपुर पहुंचे थे। कांकेर में पत्रकारों पर हुए हमले के खिलाफ शहर में पत्रकार न्याय यात्रा निकाली गई। धरना स्थल से होती हुई यह यात्रा राजभवन की ओर निकली।

आकाशवाणी के पास पुलिस ने पत्रकारों को रोका। इसके बाद पत्रकारों का एक प्रतिनिधी मंडल राज्यपाल अनुसुइया उइके से मिलने राजभवन पहुंचा। राज्यपाल ने पत्रकारों की बात को सुनकर मामले में दोषियों पर कार्रवाई का समर्थन किया। उन्होंने पिछले 9 दिनों जारी पत्रकार कमल शुक्ला के अनशन को खत्म करने का आग्रह किया। इसे स्वीकारते हुए कमल शुक्ला की बेटी ने जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया ।

कमल शुक्ला ने अनशन खत्म किया।

आप निडर होकर काम करें
राज्यपाल ने कहा कि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है। आप सभी निडर होकर काम करें और जनसमस्याओं को सामने लाएं। राज्यपाल ने कहा कि पत्रकारों के द्वारा सुदूर एवं संवेदनशील क्षेत्र में कार्य कर शासन के समक्ष जिस प्रकार जनसमस्याओं को सामने लाया जाता है, वह सराहनीय है। साथ ही मीडिया के माध्यम से जनता तक शासन की कल्याणकारी नीतियां भी पहुंचती है। इस प्रकार मीडिया शासन और जनता के मध्य सेतु की भूमिका निभाते हैं।

राज्यपाल से मिला पत्रकारों का प्रतिनिधी मंडल।

राज्यपाल ने कहा कि आप लोगों के साथ न्याय होगा। कांकेर में पत्रकारों के साथ जो घटना घटित हुई है, इस संबंध में शासन से रिपोर्ट मंगाकर न्यायोचित और निष्पक्ष कार्यवाही की जाएगी और दोषियों को कड़ा से कड़ा दंड दिलाया जाएगा। राज्यपाल से मिले सकारात्मक आश्वासन के बाद फिलहाल पत्रकारों का आंदोलन स्थगित हो गया है। करीब 14 दिन पहले कांग्रेस नेता गफ्फार मेमन ने अपने साथियों के साथ मिलकर कमल शुक्ला और सतीश यादव को बीच बाजार पीट दिया था। इस मामले में सरकार ने अब कांकेर थाने के प्रभारी को हटाया है, पुलिस अधिकारियों की एसआईटी गठित की है।


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