पीड़ित जनकदास मध्यप्रदेश के डिण्डौरी का रहने वाला है और 12 वीं तक पढ़ा हुआ है। उसने थाना सिविल लाईन में रिपोर्ट दर्ज कराई कि वो काम करने के लिये 2013 में छत्तीसगढ़ आया था, उस दौरान उसकी पहचान कवर्धा निवासी प्रकाश दास और श्रवण कुमार से हुई थी। जान पहचान होने के बाद दोनों ने कहा कि वो रायपुर के ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो पैसे लेकर मेडिकल की डिग्री देता है। बातों में आकर पीडित जनकदास अपने दोनों दोस्तों के साथ रायपुर पण्डरी इलके के इंडियन अल्टरनेटिव मेडिकल काॅलेज आया। यहां पर इन तीनों की मुलाकात शैलेन्द्र ग्वारले हुई जो अपने आप को इंडियन अल्टनेटिव मेडिकल काॅलेज का डायरेक्टर होना बताया।
आरोपी ने कहा कि डिग्री के बदले सभी को 45-45 हजार रूपए देनी होगी। तीनों ने झांसे में आकर आरोपी शेलेन्द्र को रूपए देकर एक साल बाद डिग्री ले गये। जनकदास को जब पता चला कि उसके पास जो डिग्री हैं वो फर्जी हैं और किसी काम की नहीं हैं तो उसने अपने अन्य दोस्तों से इस बारे में बात की। तब पीड़ित को पता चला की आरोपी ने ऐसे ही कई लोगों से पैसे लेकर उन्र्हें बीएएमएस, बी फार्मा समेत कई फर्जी डिग्रियां दी है। जिसके बाद पीड़ित ने इस बारे में सिविल लाईन थाने में शिकायत दर्ज कराई।
शिकायत को गंभीरता से लेते हुये राजधानी पुलिस ने आरोपी के बारे में पूछताछ शुरू की तो पता चला कि आरोपी ने 2015 में ही अल्टनेटिव मेडिकल काॅलेज को बंद कर दिया है। वहीं आरोपी के लोकेशन का पता चलने पर सुंदर नगर इलाके से शैलेंद्र ग्वारले को गिरफ्तार किया गया। आरोपी ने अपराध करना स्वीकार कर लिया है। पकड़े गये आरोपी के पास से 40 हजार नगदी, गाड़ी, 11 नग मोबाईल फोन और कई फर्जी डिग्रिया बरामद किये गये है।