महासमुंद. छत्तीसगढ़ के महासमुंद में बुधवार को दो बच्चों का अपहरण हो गया। बदमाशों ने बच्चों को छोड़ने की एवज में 1.20 लाख रुपए की फिरौती मांगी। रात में एफआईआर दर्ज होने के चंद घंटे बाद ही बदमाश पकड़े गए। पुलिस ने मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। दोनों बच्चों को सकुशल छुड़ाकर उनके माता-पिता को सौंप दिया गया। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि लेनदेन के कारण ये अपहरण किया गया था।
जानकारी के मुताबिक, बसना थाना क्षेत्र के ग्राम खोखसा निवासी हेगलाल सागर ने बुधवार रात करीब 8 बजे बच्चों के अगवा होने की एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें बताया गया कि उसका बेटा लल्ला सागर और भतीजा किसी काम से महासमुंद गए थे। वहां से लौटने के दौरान दोनों को अगवा कर लिया गया है। बच्चों को छोड़ने के एवज में फिरौती मांगी गई है। इस पर एसपी प्रफुल्ल कुमार ठाकुर ने बदमाशों को पकड़ने के लिए चार टीमों का गठन किया।
दूर से नजर रख रहे थे नजर, पुलिस ने धर दबोचा
बदमाशों को पकड़ने के लिए नाकाबंदी कराई गई और जिले की सीमाएं सील कर दी गईं। पुलिस ने हेगलाल सागर के जरिए किडनैपर को कांपा में एक ढाबे के पास रुपए लेने के लिए बुलाया। तय हुआ कि रुपए लेने के बाद बच्चे को बदमाश छोड़ देंगे। इसके बाद प्रेमसागर गांव के ही एक व्यक्ति के साथ रुपए लेकर बदमाशाें को बताई गई जगह पर पहुंच गया। काफी देर के इंतजार के बाद भी बदमाश रुपए लेने के लिए नहीं पहुंचे।
इस बीच पुलिस की दूसरी टीम को कुछ संदिग्ध बाइक सवार कांपा में नेशनल हाइवे के आस-पास घूमते हुए दिखाई दिए। इसके बाद पुलिस ने पीछा कर उन्हें पकड़ लिया और बच्चों को छुड़ा लाई। बाइक पर बच्चों को लेकर बदमाश पहुंचे थे और दूर से ही नजर रख रहे थे। पकड़े गए बदमाशों में कांपा, तुमगांव निवासी मुन्ना साहू, लकेश चंद्राकर, पुरुषोत्तम उर्फ भुरू सोनी और सेमराडीह, बलौदा बाजार निवासी फूलसिंह चंद्राकर शामिल है।
बड़े बेटे से रुपये वसूलने के लिए छोटे का किया अपहरण
पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि उनका हेमलाल सागर के बड़े बेटे से पैसे के लेनदेन को लेकर विवाद है। उससे पैसे वसूलने थे। इस पर दोनों बच्चों के अपहरण का षड्यंत्र रचा गया। इस दौरान तय हुआ था कि जब तक रुपए नहीं मिलेंगे वो अगवा किए गए दोनों बच्चों को ग्राम कांपा में लकेश चंद्राकर के यहां छिपाकर रखेंगे। आईजी आनंद छाबड़ा ने बदमाशों को पकड़ने वाली टीम को 25 हजार रुपए देने की घोषणा कह है।