नकली पुलिस बनकर नाबालिग का अपहरण, 20 साल की कैद


कांकेर।
नकली पुलिस बनकर किशोरी का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपित युवक को विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट प्रशांत कुमार शिवहरे ने 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 53000 हजार रुपये अर्थदंड से भी दंडित किया है।

नरहरपुर क्षेत्र के एक गांव की 16 वर्षीय किशोरी के पिता ने नरहरपुर पुलिस थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि कुछ दिन पहले गांव में एक व्यक्ति आया था, जिसने अपना नाम चंद्रहास ध्रुव बताया और स्वयं को पुलिस विभाग में पदस्थ एक अधिकारी बताया।

उसने बताया कि ग्रामीण भ्रमण पर है। इसके बाद वह उनके घर में खाना खाकर रात भी वहीं रुका था। अगले दिन वह सुबह अपने ड्यूटी पर चला गया। 15-20 दिन बाद वह फिर से आया और फिर से रात में वह उनके घर पर रुका।

इस प्रकार वह तीन-चार बार घर में आकर रुकने के कारण उसकी जान-पहचान घर के लोगों के साथ हो गई थी। 5 जून 2018 को चंद्रहास ने कहा कि वह उनकी पुत्री को नरहरपुर घुमाकर लाता हूं, कहकर उसे अपने साथ ले गया। दोनों शाम तक नहीं लौटे। पुलिस ने नाबालिग किशोरी के पिता की शिकायत पर अपरा पंजीबद्ध कर आरोपित और किशोरी की पता तलाश शुरू कर दी थी।

इसमें पुलिस को पता चला कि आरोपित का असली नाम चंद्रदेव धु्रव (33) है और वह राजाडेरा थाना मगरलोड का है। पुलिस ने 6 मई 2019 को उसके गांव से उसे गिरफ्तार कर मामला न्यायालय में प्रस्तुत किया। विशेष न्यायाीश पाक्सो एक्ट एफटीसी प्रशांत कुमार शिवहरे प्रस्तुत साक्ष्य, साक्षियों के कथन और परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आार पर नाबालिग किशोरी के अपहरण और दुष्कर्म के अपरा में चंद्रदेव ध्रुव को दोषी पाया।


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