अच्छी बारिश का असर: 10 सालों में इस बार औसत से 10 इंच अधिक बारिश होने से 10 जलाशय लबालब
रबी सीजन में भी मिलेगा पानी, इस वर्ष हुई बारिश- 50.3 इंच, 10 साल की औसत बारिश- 40.3 इंच
जशपुरनगर. किसानों के लिए खुशी की बात है कि जिले के अधिकांश किसानों को रबी फसल की सिंचाई के लिए मुफ्त में पानी मिलेगा। जिले के 10 जलाशय लबालब है और इनसे नहरों में पानी छोड़ा जाएगा। 10 सालाें की तुलना में इस साल बारिश औसत से (40.3) 10 इंच (50.3) अधिक हुई है। मानसून भले ही देर से पहुंची पर 24 अक्टूबर तक जिले में बारिश हुई है। अधिक बारिश के कारण जिले के 18 बड़े जलाशयों में से 10 जलाशय लबालब भरे हुए हैं। जल संसाधन विभाग का दावा है कि इस वर्ष रबी की खेती के लिए किसानोें को पर्याप्त पानी दिया जा सकता है।
12 हजार 500 हेक्टयर की रबी फसल के लिए दे सकेंगे पानी
- सिंचाई विभाग का आंकलन है कि इस वर्ष जैसा जल भराव हुआ है उस हिसाब से करीब 12 हजार 500 हेक्टेयर में रबी की फसलों को आसानी से पानी दिया जा सकता है। बशर्ते कृषि विभाग किसानों को रबी की खेती के लिए प्रेरित करें। क्योंकि जिले में ऐसे भी कई इलाके हैं जहां सिंचाई के साधन होने के बावजूद किसान इसका उपयोग नहीं करते हैं। जिले में रबी के उत्पादन की बात करें तो खरीफ की तुलना में एक तिहाई से भी कम भू-भाग में रबी की खेती की जाती है।
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किस जलाशय से कितना मिलेगा पानी
जशपुर ब्लॉक के नीमगांव जलाशय से खरीफ के लिए 194 और रबी के लिए 8 हैक्टेयर, सोगड़ा जलाशय से खरीफ के लिए 57 और रबी के लिए 7 हैक्टेयर, कुनकुरी के ईब व्यपर्तन योजना से रबी के लिए 250 और खरीफ के लिए 1875 हैक्टेयर, कांसाबेल के कांसाबेल व्यपर्तन योजना के तहत खरीफ के लिए 424 और रबी के लिए 25 हैक्टेयर, पत्थलगांव के केराकछार जलाशय से खरीफ के लिए 310 और रबी के लिए 70 हैक्टेयर, तमता जलाशय से खरीफ के लिए 830 और रबी के लिए 230 हैक्टेयर को सींचने की क्षमता जितना पानी भरा हुआ है।
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ये जलाशय हैं ट्रायल में, मुफ्त मिलेगा पानी
जिले में बल्जोरा तालाब, बेलसोंगा जलाशय, खमगढ़ा जलाशय, गेर्रा नाला, बालाझर, घरजियाबथान और खरकट्टा जलाशय से इस वर्ष ट्रायल के लिए पानी छोड़ा जाएगा। इस पानी से जो किसान सिंचाई करेंगे उन्हें फिलहाल कोई टैक्स नहीं देना होगा। जल संसाधन विभाग की मानें तो इन जलाशयों से करीब साढ़े तीन हजार हैक्टेयर में रबी की फसलों की सिंचाई की जा सकती है।
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50 हजार हेक्टेयर से भी कम में होती है रबी की खेती
जिले में 2 लाख 61 हजार हेक्टेयर भूमि पर खरीफ की खेती की जाती है वहीं रबी का उत्पादन क्षेत्र 50 हजार हेक्टेयर से भी कम है। सिंचाई विभाग का कहना है कि रबी के उत्पादन को बढ़ाने के लिए लगातार जलाशयों पर काम चल रहा है। अभी 7 जलाशय ट्रायल में हैं और तीन बड़ी परियोजना स्वीकृति के लिए शासन स्तर पर भेजी जा चुकी है।
- एक नजर जलाशयों सिंचाई क्षमता पर
- 4014. लघु जलाशयों में की क्षमता
- 15976. व्यपर्तन वाले जलाशयों की क्षमता
- 365. एनीकटों से सिंचाई क्षमता
- 2267. अन्य छोटे डैम व संसाधन
- 22622. कुल सिंचाई क्षमता
- 18277. खरीफ की सिंचाई क्षमता
- 4345. रबी की सिंचाई क्षमता
- कहां कितना भरा है पानी
जलाशय जल भराव (क्यूसेक) नीमगांव जलाशय 95 सोगड़ा तालाब 80 सरडीह तालाब 100 डड़गांव 50 लवाकेरा 80 कोनपारा 40 अंकिरा जलाशय 100 साजापानी जलाशय 100 राजामुंडा तालाब 100 केराकछार 100 तमता जलाशय 100 बल्जोरा जलाशय 100 बेलसोंगा जलाशय 60 खमगढ़ा जलाशय 80 गेर्रा नाला 100 बालाझर जलाशय 100 घरजियाबथान 80 खरकट्टा 100
जैसे किसानों की मांग आएगी पानी छोड़ा जाएगा
इस साल जिले के सभी टैंकों में पर्याप्त जल भराव है। रबी की फसल में विभाग सिर्फ 1155 हैक्टेयर की सिंचाई पर टैक्स लेगा। इसके अलावा कई जलाशयों से ट्रायल में पानी छोड़ा जाएगा। ट्रायल वाले जलाशयों से करीब साढ़े तीन हजार हेक्टेयर जमीन को रबी के सीजन में पानी देने की क्षमता है। जैसे ही किसानों की डिमांड आएगी पानी छोड़ दिया जाएगा।